मूसेवाला की हत्या में सीकर का सुभाष बानूड़ा शामिल, स्टेट बॉक्सिंग चैंपियन रहा गैंगस्टर कभी बनना चाहता था IPS अधिकारी

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Subhash Banuda

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में पंजाब पुलिस ने 8 शार्प शूटर्स की पहचान कर ली है जिनमें राजस्थान के सीकर जिले के सुभाष बानूड़ा का भी नाम सामने आया है. बॉक्सिंग में स्टेट चैंपियन रहा बानूड़ा सिद्धू मूसेवाला  की हत्या में शामिल पाया गया है. सुभाष ने 15 साल की उम्र में गैंगवार की दुनिया में कदम रखा जिसके बाद राजस्थान और आसपास के इलाकों में उसने जुर्म की कई वारदातों को अंजाम दिया. बानूड़ा गैंगस्टर आनंदपाल की गैंग में भी काम कर चुका है. वहीं मूसेवाला की हत्या में बानूड़ा का नाम सामने आने के बाद राजस्थान  में भी खलबली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 10वीं में 70 प्रतिशत से पास हुआ बानूड़ा महज 15 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में कूद गया था. वर्तमान में सुभाष पर फायरिंग और मारपीट के दर्जनों मामले दर्ज हैं जिनमें वह अभी फरार चल रहा है.

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बता दें कि मूसेवाला की हत्या में हथियारों की सप्लाई राजस्थान से हुई थी. पुलिस को पता चला है कि जोधपुर से हथियार लेकर बदमाश पंजाब पहुंचे थे और हत्या में शामिल बोलेरो राजस्थान नंबर की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुभाष बानूड़ा बचपन से ही बॉक्सिंग में चैंपियन रहा है. अपराध की दुनिया में कदम रखने से पहले वह हिसार में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेता था. हालांकि 10वीं के बाद उसने पढ़ाई औह बॉक्सिंग छोड़ दी. बता दें कि सुभाष गैंगस्टर बलवीर बानूड़ा का बेटा है जो गैंगस्टर आनंदपाल के साथ रहा करता था. 23 जुलाई 2014 को बीकानेर की एक जेल में बलबीर बानूड़ा और आनंदपाल पर हमला हुआ था जिसमें बलबीर की मौत हो गई.

बताया जाता है कि बीकानेर जेल में अपने पिता पर चली गोलियों की घटना के बाद 14 साल के सुभाष की जिंदगी में अहम मोड़ आया. सुभाष उसी दिन से बॉक्सिंग और सबकुछ छोड़कर पिता की मौत का बदला लेने के लिए निकल पड़ा और आनंदपाल गैंग में शामिल हो गया.

हालांकि सुभाष के पिता बलबीर की मौत का बदला आनंदपाल ने लिया और राजू ठेहट गैंग के दो लोगों की हत्या कर दी. वहीं आनंदपाल को पेशी पर ले जाने के दौरान सुभाष फरार हो गया. इसके बाद 2017 में आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया जिसके बाद सुभाष गैंगस्टर सुभाष बराल की गैंग से जुड़ गया.

रिपोर्ट के मुताबिक 13 मार्च 2015 को सुभाष अपने गांव में कुछ साथियों के साथ एक फार्म हाउस पर था जहां पुलिस ने छापा मार दिया जिसमें 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया हालांकि सुभाष वहां से निकलने में कामयाब रहा. पुलिस ने उस दौरान सुभाष के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था.

इसके बाद लगातार पुलिस सुभाष की तलाश में दबिश दे रही थी और एक दिन अचानक वह एसओजी ऑफिस में पहुंच गया और तत्कालीन एसओजी आईजी दिनेश एमएन के सामने सरेंडर कर दिया. बताया जाता है कि सुभाष दिनेश एमएन से खासा बहुत प्रभावित था और सरेंडर के दौरान उसने कहा कि वह उनकी तरह एक सच्चा ईमानदार आदमी बनना चाहता है और मुझे अपराध की दुनिया से हमेशा के लिए दूर जाना है.