मैं ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहता हूं जिससे नौजवानों की कमर टूटे।-हरदा

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत को लगता है अब पत्रकारों से परेशानी होने लगी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर अपना दर्द बयां किया है। हरीश रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर लगभग तंज कसते हुए लिखा है कि, उत्तराखंड और उत्तराखंड की नियोजित पत्रकारिता धन्य हो। मामला था एक सिंडिकेट और सुनियोजित तरीके से राज्य की राजकीय सेवाओं में धन लेकर लोगों को भर्ती कर रहा था, एक गंभीर रोग और अब सारा उत्तराखंड सिमट आया है विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर।

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हरीश रावत आगे लिखते हैं कि, मैं मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करता हूं। सारी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करना चाहूंगा कि इन नियुक्तियों की अपने स्तर पर भी स्कैनिंग करें जो नियुक्ति नियम और विधि विधान के विरुद्ध हुई है, उन नियुक्तियों को विधानसभा प्रस्ताव पारित करके कैंसिल करे ताकि किसी भी अध्यक्ष को भविष्य में इस तरीके के दर्द कदम उठाने की हिम्मत न पड़े। बहुत सारे लोग कि मैं चुप क्यों हूँ, इसको चीख-चीखकर के कह रहे हैं जैसे इस समय जो माफिया तंत्र सिंडिकेट राजकीय सेवाओं की बिक्री कर रहा है, वह प्रमुख अपराधी नहीं है बल्कि जो है फोकस हरीश रावत पर होना चाहिए।



हरीश रावत ने इस मामले में की जा रही पत्रकारिता पर सवाल उठाते उठाते अपने को पाक साफ बताने में भी गुरेज नहीं किया है। उन्होंने बाकायदा चुनौती वाले अंदाज में कहा है कि मैंने किसी को नौकरी नहीं दिलाई। हरीश रावत लिखते हैं, मैं उन सब पत्रकारों को चुनौती देकर के कहना चाहता हूं कि मेरे इतने साल के सार्वजनिक जीवन में एक ऐसा व्यक्ति बता दीजिए मेरे परिवार, मेरे नातेदार व मेरे रिश्तेदार जिसको मेरे प्रभाव के कारण नौकरी दी गई! मैंने मदद जरूर की है। लेकिन मैंने नौकरी में किसी के हक को नहीं मारा है, विधानसभा में भी जिसको प्रेमचंद अग्रवाल जी ने कहा है कि परंपरा है मैंने उसका पालन किया है। मैंने उस परंपरा का भी कभी फायदा नहीं उठाया। यदि है कोई ऐसा व्यक्ति तो बताएं।


हरीश रावत ने लिखा है कि, मैं ऐसा नहीं चाहता कि भर्ती घोटाला मामला तो कहीं और चला जाए, और दंड मिल जाए उन लोगों को जो लाइन लगाकर के नौकरी के लिए खड़े हैं। कुछ मामलों में यदि कम बोला जाए तो वह कैसे राज्य और विशेष तौर पर नौजवान जो नौकरी की लाइन में खड़े हैं उनकी मदद कर सकता है। मुझे अपनी राजनीति न ही चमकानी है। क्योंकि मैं किसी चैनल में नहीं हूं कि जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ बनानी है। मैं ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहता हूं जिससे नौजवानों की कमर टूटे।