आखिर कब तक बचंगे मंत्री रेखा आर्या के पति पपु गिरधारी, सह आरोपी भेजे गए जेल नॉन बेलेबल वारंट हुआ जारी

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बरेली एसकेटी डॉट कॉम

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विवादित छवि की वजह से चर्चा में रहने वाले गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी को आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे जाना ही पड़ेगा। कोरोना बीमारी के बाद बुखार और कमजोरी के सहारे जेल से बचने की जुगत भी अब काम आने वाली नहीं है। कोर्ट ने उनके खिलाफ 31 वर्ष पूर्व बरेली के जैन दंपति हत्याकांड मामले में नॉन बेलेबल वारंट जारी किया है

गिरधारी लाल साहू के साथ सह अभियुक्त रहे 11 लोगों को इस केस में नामजद किया गया था। उसके पास तीन लोगों की अग्रिम जमानत की याचिका निर,स्त कर कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है। जिनमें आंवला के बहरुउद्दीन, बदायू जगदीश एवं भूता का नरेश शामिल है। इनकी जमानत याचिकाअपर सत्र न्यायधीश अब्दुल कय्यूम ने खारिज किया है।

जानकारी के अनुसार 31 वर्ष पूर्व के बहुचर्चित जैन दंपति हत्याकांड में गिरधारी लाल साहू समेत 11अन्य लोग शामिल थे जिन्हें पुलिस द्वारा नामजद किया गया था लंबे समय तक चले इस किस में अदालत ने इन लोगों को अभियुक्त माना था। जिनमें से मुख्य रूप से जोगी नाबाद निवासी पपू गिरधारी, हरि शकर उर्फ पपू, बदायू के जगदीश,चाँद खा के केपी वर्मा, साबिर, भूता का नरेश, बहरुदीन, हरपाल, गुड्डी ऊर्फ पूनम शीशगढ़ का योगेश समेत 11 लोग शामिल थे। इनमे से 3 लोग बहरुदीन, जगदीश तथा नरेश की याचिका को निरस्त कर जेल भेज दिया था।

इन सभी लोगो पर 31 वर्ष पूर्व सम्पति विवाद मैं 11 जून 1990 को रात 89 बजे के बाद चाकू एवम लाठी डंडो से प्रहार कर जैन दंपति की हत्त्या कर दी थी। लंबी विवेचना के बाद 31 साल बाद अब कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर पपू गिरधारी समेत 11 लोगो को गिरफ्तार करने के आदेश हुए हैं।

कोरोना के बाद कमजोरी का बहाना

पपू गिरधारी के वकील की ओर से उन्हें कोरोना होने के बाद बुखार एवम कमजोरी केचलते कोर्ट मे पेश नही हो सकने की बात कही है। जबकि 3 लोग कोर्ट में जमानत की याचिकबको लेकर पेश हुए थे। जिन्हें अदालत ने याचिका को निरस्त करते हुए जेल भेज दिया

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