हरदा का भाजपा पर प्रहार

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कांग्रेस नेता अकील अहमद के मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने वाले बयान के बाद भाजपा हरीश रावत समेत कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। इस बयान पर सीएम ने हरदा समेत कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस देश आजाद होने से लेकर आजतक तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है, लेकिन बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा न्याय की बात की है और किसी के साथ अन्याय न हो इसका बात का भी ध्यान रखा है। सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस एक तरफ चारधाम की बात करती है और दूसरी तरफ इस देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की पैरवी करती है। इसके कांग्रेस की मानसिकता स्पष्ट होती है कि वो चारधाम में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाकर क्या दर्शाना चाहती है। सीएम ने कहा कि हरीश रावत पहले से ही इसके समर्थक रहे हैं, इसके लिए उनके शासनकाल में तो शुक्रवार (जुमे) की नमाज की भी छुट्टी हुआ करती थी।

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वहीं अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर हमला किया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए हरीश रावत ने कहा कि भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं।


हरीश रावत ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया। फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं समझता हूंँ कांग्रेस के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी और किसी मुसलमान भाई ने भी जिस तरीके से नमाज़ की छुट्टी देने की मांग नहीं की, उसी तरीके से मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने की भी मांग नहीं की है। मगर झूठ गढ़ने में आपकी कोई शानी नहीं है, चुनाव के बाद फिर मिलेंगे और इस तरीके के जालसाजी के लिए आपको कहीं न कहीं जवाब देना पड़ेगा।