@haldwaninews मोदी जी,आपके कांसेप्ट डिजिटल विलेज को धता बना कर रफूचक्कर हुई यह कंपनी#modidigitalvillage

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

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मोदी जी यह लोगों के साथ कैसा छलावा है डिजिटल विलेज का सपना दिखाने वाली कंपनी टेस्टिंग वाली अपनी मशीन ही उठा ले गई..

25 अगस्त रविवार के दिन हल्द्वानी विकासखंड में केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट के द्वारा डिजिटल विलेज के कांसेप्ट का शुभारंभ किया था तब एचपी कंपनी ने डिजिटल विलेज का कांसेप्ट उनके सामने रखा और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी 72 से अधिक टेस्टिंग कुछ ही मिनटों में रिपोर्ट के साथ किए जाने के सब्जबाग दिखाए गए.

इसके अलावा टेलीमेडिसिन का भी फॉर्मेट समझाया गया और उद्घाटन के दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री अजय भट्ट के स्वास्थ्य परीक्षण का डेमो भी दिखाया गया जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर से टेलीमेडिसिन की सुविधा का प्रयोग करते हुए उन्हें दवाई के बारे में भी बताया गया.इस दौरान आए हजारों लोगों को यह जानकारी दी गई थी स्थानीय लोगों के लिए डिजिटल विलेज के रूप में यहां पर एक सर्किट काम करेगा और लोगों को जरूरत के हिसाब से यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर की सेवा से उन्हें प्रिसक्रिप्शन भी उपलब्ध कराई जाएगी .

इसके अलावा प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र समेत 2 दर्जन से अधिक अभिलेखों के ऑनलाइन सुविधा लोगों को प्रदान किए जाने की बात कही गई.

लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा यह बताया गया कि 72 टेस्ट करने वाली मशीन एचपी कंपनी दूसरे दिन ही उठाकर ले गई और इसके बाद वहां पर ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसके बारे में डिजिटल विलेज के उद्घाटन के दिन बताया गया.

इस इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक बंशीधर भगत के अलावा नैनीताल की विधायक सरिता आर्या जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया ब्लाक प्रमुख रूपा समेत कई जनप्रतिनिधि तथा सीडीओ संदीप दीक्षित समेत सभी आला अधिकारी मौजूद रहे थे.

लेकिन इसके बाद किसी भी अधिकारी ने यह देखने की जहमत नहीं उठाई कि एचपी कंपनी ने जिस अपने कॉरपस फंड के माध्यम से यह पूरी योजना का खाका समझाया गया वह कहीं जमीन पर काम कर रहा है या नहीं

हमारी टीम वहां पर पहुंची तो हमें वहां पर स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि इस मशीन को दूसरे दिन ही कंपनी ने मंगा लिया जिस उसके बाद यहां पर कोई टेस्ट नहीं हो रहा है डेढ़ करोड़ से भी अधिक रकम की इस वार्षिक योजना की शुरुआत में ही सिर्फ शुरुआती लाभ लेने के लिए यह एक कार्यक्रम किया गया लेकिन दूसरे ही दिन जब यहां से 72 टेस्टिंग करने वाली मशीन को ही उठा लिया गया तो तो लोगों को समझ में आ गया कि यह सिर्फ कॉरपस फंड की रकम को ठिकाने लगाने के लिए शुरू किया गया होगा जो कि लोगों को सामने दिख रहा है

यहां पर एक मॉनिटर भी रखा गया था जिस जिसके माध्यम से मरीज की बीमारी के बारे में विशेषज्ञडॉक्टर सलाह लेकर टेलीमेडिसिन की सुविधा की लोगों को देने की बात कही गई थी वह मॉनिटर भी अब इस कार्यालय से गायब है यहां पर फिलहाल बीपी और शुगर नापने के लिए एक कंप्यूटर ऑपरेटर और एक फार्मेसिस्ट जोकि दो उप केंद्रों से बारी-बारी से 3 दिन के लिए आते हैं कार्य करते हुए देखे गए.