यहां दिल्ली पब्लिक स्कूल में स्कूल यूनिफॉर्म में जीएसटी चोरी गईगई पकड़ी

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देहरादून में सहस्त्रधारा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। जीएसटी टीम ने छापा मारकर स्कूल में बिना बिल के यूनीफार्म बेचे जाने का खुलासा किया है।

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दरअसल सहस्त्रधारा के किरसाली रोड पर बने दिल्ली पब्लिक स्कूल में स्कूल की यूनीफार्म स्कूल से ही बेची जाती है। इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने स्कूल बेचने वाले विक्रेता को स्कूल में बुला रखा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्कूल में बैठा दुकानदार अभिभावकों को बिना बिल के ही यूनीफार्म बेच रहा था। इसकी जानकारी जीएसटी टीम को मिली। जीएसटी अधिकारियों ने मौके पर छापा मारा तो पूरा खुलासा हुआ। हालांकि जीएसटी अधिकारी अभी पूरी छानबीन कर रहें हैं। मौके पर देवभूमि इंटरप्राइजेज के नाम की फर्म को यूनिफार्म बेचते हुए पाया गया। जीएसटी अधिकारियों ने फर्म के बैंक खातों को खंगालना शुरु कर दिया है। जांच के बाद सामने आएगा कि कितनी रकम का लेन देन हुआ है। इसके बाद ही जुर्माना तय किया जाएगा।


हालांकि शुरुआती अनुमान के मुताबिक तकरीबन पचास लाख रुपए तक का कारोबार बिना बिल के ही करने की आशंका है। ऐसे में लाखों रुपए की टैक्स चोरी निकल सकती है।
वहीं दिल्ली पब्लिक स्कूल में चल रहे इस गोरखधंधे के सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहें हैं। स्कूल प्रबंधन को क्या इस बात की जानकारी नहीं थी कि यूनिफार्म विक्रेता बिना बिल के ही अभिभावकों को यूनिफार्म बेच रहा है या फिर जानकारी होते हुए भी स्कूल प्रबंधन चुप रहा?


विराट स्कूल यूनिफार्म्स भी नहीं देता बिल!
वहीं शहर में कई ऐसे यूनिफार्म विक्रेता हैं जो बिना बिल के खुलेआम व्यापार कर रहें हैं। जीएसटी की टीम भी इन कारोबारियों को पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। देहरादून में विराट स्कूल यूनिफार्म्स एक जाना माना नाम है। अधिकतर स्कूल वाले इस दुकान से टाइअप रखते हैं और यहीं से स्कूल यूनिफार्म लेने के लिए अभिभावकों को बाध्य करते हैं। ऐसे में मजबूरी वश अभिभावक विराट यूनिफार्म की दुकान पर ही बच्चों की यूनिफार्म लेने पहुंचते हैं लेकिन यहां भी अभिभावकों बिल नहीं दिया जाता है। अगर कोई बिल मांगे तो उसे सादी पर्ची पर या फिर ऐसे ही किसी कागज पर लिख कर दे दिया जाता है। अमर उजाला ने इस संबंध में एक समाचार भी प्रकाशित किया है।


बिल जरूर मांगिए
खबर उत्तराखंड ने इस संबंध में जीएसटी अधिकारियों से बात की। जीएसटी अधिकारियों की माने तो इस संबंध में अभिभावकों का जागरुक होना बेहद जरूरी है। कोई भी खरीददारी करें तो बिल जरूर लें। अगर दुकानदार बिल नहीं दे रहा है तो बिल मांग कर लें और पक्का बिल ही लें जिसपर जीएसटी नंबर लिखा हुआ हो। बिल मांगना कानूनी अधिकार है।