सरकार पर आरोप-भर्तियों मे खेल 13 नंबर वाली मंत्री की बेटी पास 80 नंबर वाली फेल

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उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के नेतृत्व में उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा उत्तराखंड चिकित्सा सेवा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ० डी०एस० रावत का घेराव किया गया । बॉबी पंवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड चिकित्सा बोर्ड द्वारा चिकित्साधिकारी के पदों में अनियमितता हुई है । बोर्ड द्वारा चयनित अभ्यार्थियों में उन अभ्यार्थियों का भी चयन हुआ है जिनके लिखित परीक्षा में मात्र 4-6 % अंक हैं जबकि लिखित परीक्षा में 80-85 % अंक आने के बावजूद भी उनका अंतिम चयन नहीं हो पाया है जिसमें भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री की सुपुत्री के 13.25 अंक होने पर भी अंतिम चयन हुआ है। चयन का आधार सिर्फ साक्षात्कार ही रखा गया था तो लिखित परीक्षा कराने का क्या औचित्य रहा। अगर आपने लिखित परीक्षा करानी ही थी तो क्वालीफाई के लिए एक न्यूनतम अंक सीमा निर्धारित करने चाहिए थी।


बॉबी पंवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों का जो साक्षात्कार किया गया उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं की गई। बॉबी पंवार ने बोर्ड के अध्यक्ष डॉ० डी०एस० रावत को पूरी परीक्षा प्रणाली की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने और गलत तरीके से अभ्यर्थियों को चयनित कराने वाले सम्बंधित अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की । बोर्ड के अध्यक्ष डॉ० डी०एस० रावत ने आश्वासन दिया कि हम शीघ्र बोर्ड कमेटी की बैठक बुलाकर इस विषय पर फैसला लेंगे।


बॉबी पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री से सम्बंधित विभाग और एक भाजपा नेता व मंत्री की पुत्री के मात्र 13.25 अंक होने पर अंतिम चयन हो जाने संबंधी गम्भीर विषय पर तत्काल निर्णय लिया जाए और हम शीघ्र मुख्यमंत्री से मिलकर भी उनके स्वयं के विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की बात रखेंगे। इस मौके पर बेरोजगार संघ के प्रवक्ता सुरेश सिंह, सहसंयोजक सुशील कैंतुरा, जशपाल इत्यादि मौजूद रहे।


उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ
आयुष डॉक्टरों की भर्ती पर सेमवाल ने उठाए सवाल
चिकित्सा शिक्षा चयन बोर्ड में भर्ती घोटाले की आशंका को लेकर शिव प्रसाद सेमवाल ने काफी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।


आज हाल ही में हुई परीक्षाओं को लेकर चिकित्सा चयन बोर्ड के दफ्तर पहुंचकर शिव प्रसाद सेमवाल ने बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव से साक्षात्कार में एक गड़बड़ी को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए ।


शिव प्रसाद सेमवाल ने सवाल उठाया कि आखिर लोक सेवा आयोग से परीक्षाएं वापस लेकर चयन बोर्ड को क्यों सौंपी गई।


सेमवाल ने आयोग के अध्यक्ष से पूछा कि 60 नंबर के इंटरव्यू में साक्षात्कार लेने के लिए एलोपैथी और नॉन मेडिकल फील्ड के डॉक्टर क्यों रखे गए? लिखित में टॉप करने वाले डॉक्टर साक्षात्कार में बाहर कैसे हुए ?
उन्होंने सवाल उठाया कि या तो लिखित में पेपर लीक हुआ है या फिर साक्षात्कार घपला हुआ है ।


उन्होंने इस बात पर एतराज जताया कि आखिर बिना कैबिनेट की बैठक के भर्ती नियमावली में परीक्षा प्रोसेस में बदलाव क्यों किया गया ?


सवाल उठाए जाने पर आयोग के अध्यक्ष ने उन्हें एक-दो दिन में बोर्ड की बैठक बुलाकर भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने का आश्वासन दिया।


वहीं शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि आयुष मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है इसलिए जल्दी ही इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया जाएगा।