अग्निकांड मामले में लापरवाही बरतने पर इन लोगों पर गिरी गाज

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बीती शाम हुए त्यूनी अग्निकांड में जलने से चार मासूमों की मौत हो गई। जबकि परिवार के चार लोग बुरी तरह झुलस गए। इस मामले में राहत-बचाव कार्यों में लापरवाही के चलते नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख सहायता राशि देने की घोषणा की है।



त्यूनी में कल शाम एक घर में अचानक आग लग गई। घर में आग लगने के कारण इस आग में चार मासूम जल कर राख हो गए। जबकि परिवार के चार लोग बुरी तरह झुलस गए। आग का मंजर बेहद ही खौफनाक था।


स्थिति ये थी कि कोई भी आग की लपटों में घिरे मासूमों को बचाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाया। भीषण आग के आगे हर कोई बेबस नजर आया।चार मासूमों को ना बचा पाने का दर्द स्थानीय लोगों की आंखों में साफ दिखाई दिया। आग में चार बच्चों के जलकर राख होने के कारण इलाके में मातम पसरा हुआ है।


लागातर चार धमाकों से दहला त्यूनी बाजार
त्यूनी बाजार के एक घर में जब आग लगी तो लोगों ने इसे बुझाने की पूरी कोशिश की लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि इसके आगे लोगों की एक भी ना चली। पहले धमाके की आवाज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। घर में रसोई गैस सिलिंडर के फटने से धमाका हुआ।


सिलिंडर फटने के कारण चंद मिनटों में मकान के सबसे ऊपर की मंजिल भीषण आग की चपेट में आ गई। इस से पहले की लोग कुछ कर पाते देखते ही देखते दूसरे धमाका हो गया। दूसरे धमाके के साथ ही आग और भी ज्यादा भयानक हो गई।
इस से पहले की लोग कुछ कर पाते तीसरा धमाका हो गया। जिसके बाद आग बेकाबू हो गई और चौथे धमाके के साथ पूरा त्यूनी बाजार दहल गया। धमाके की आवाज सुन हर कोई घर की ओर दौड़ पड़ा।


आग बुझाने के लोगों ने आसपास की पाइप लाइनों तक को तोड़ डाला
आग इतनी भयानक थी कि लोगों को इसकी तपिश पूरे त्यूनी बाजार तक लग रही थी। आग बुझाने के लिए लोगों ने आसपास की पाइप लाइनों तक को तोड़ डाला। लेकिन आग इतनी भयावह रूप ले चुकी थी कि इस से भी आग पर कोई असर नहीं पड़ा।
लोग सिर्फ धूं-धूं कर जलते घरों को बेबस देखते नजर आए। स्थानीय लोगों ने टौंस नदी के रास्ते घर तक पहुंचने की भी कोशिश की, लेकिन तेज लपटों के चलते वे घर तक नहीं पहुंच पाए।


सबसे बड़ी कमी फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली में आई नजर
आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को वक्त रहते ही दे दी गई थी। सूचना मिलने के 20 मिनट बाद ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच भी गई। लेकिन जैसे ही मकान पर पानी डालने की कार्रवाई शुरू की गई तो वाहन में पानी खत्म हो गया। जिसके कारण आग बुझाने में देरी हो गई। अग्निशमन वाहन आग लगने वाले स्थान से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर मौजूद था।


अग्निशमन वाहन में पानी ना होने से आग बुझाने में हुई देरी
अग्निशमन वाहन में पानी समाप्त हो जाने के कारण फायरकर्मी वाहन को पानी भरने के लिए लेकर चले गए। फायरकर्मी घटनास्थल से छह किलोमीटर दूर कठंग से लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक मकान पूरी तरह आग पकड़ चुका था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब फायर बिग्रेड को सूचना दी गई तब तक मकान के सिर्फ एक कमरे में आग लगी थी। उनका दावा है कि यदि वाहन में पानी का पर्याप्त इंतजाम होता तो आग को तुरंत बुझा लिया जाता। अगर पानी खत्मा ना होता तो चार मासूमों को बचा लिया जाता।।


मासूमों के शव खोजने हेतु रेस्क्यू जारी
हादसे में जलकर मरने वाले चारों मासूमों के शव भी अब तक नहीं मिल पाए हैं। जिलाधिकारी सोनिका ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया। जिलाधिकारी की निगरानी में मृतक बालिकाओं के शव को खोजने हेतु एस0डी0आर0एफ0 एवं अन्य टीमों द्वारा रेस्क्यू जारी है।


मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख सहायता राशि देने की घोषणा
मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही इस पूरे मामले में जिलाधिकारी द्वारा राहत बचाव कार्यों में लापरवाही पर नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया है।