पहले अतिक्रमण खाली करें फिर पुनर्वास की बात सुनेंगे मुस्तफा की याचिका पर कोर्ट का जवाब
नैनीताल एस केटी डॉट कॉम
नैनीताल उच्च न्यायालय ने 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर रहे अतिक्रमणकारियों को टका सा जवाब दे दिया है कि पहले अतिक्रमण खाली करें उसके बाद पुनर्वास की बात सुनेंगे.
फैसले के बाद अब इंदिरा नगर वन भूलपुरा पूरा क्षेत्र के 4300 से अधिक अतिक्रमणकारियों को राहत मिलने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है. मुस्तफा हुसैन नाम के व्यक्ति ने दायर करते हुए कहा कि एक ही भूमि खाली करने से पहले उनका पुनर्वास किया जाए इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने यह कहते हुए उसकी याचिका को सुनने से इनकार कर दिया कि इस मामले में पहले अतिक्रमण खाली किया जाए उसके बाद पुनर्वास की बात सुनी जाएगी.कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब रेलवे और प्रशासन को एक हफ्ते में इसकी रिपोर्ट देनी है.
आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी की याचिका पर हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में रेलवे की भूमि को खाली करने का आदेश दिया था लेकिन तत्कालीन सरकार इसके खिलाफ स समीक्षा याचिका दाखिल की थी.
जिस पर सरकार को कोई राहत नहीं मिली थी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद भी अतिक्रमण कार्यों को कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद उच्च न्यायालय में कुछ लोगों ने यह याचिका दाखिल की कि रेलवे ने उनकी बात नहीं सुनी है तथा उनके अभिलेखों की जांच नहीं की इसके बाद हाईकोर्ट ने रेलवे को दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया था
जिसके बाद 4365 लोगों में से सुनवाई के लिए गए लेकिन किसी का दावा सावित नहीं हो पाया. 20 दिसंबर 2022 को सरकार ने सबूतों के अभाव में सभी के दावों को खारिज करते हुए रेलवे तथा प्रशासन को निर्देश दिया कि वह 1 हफ्ते में इसकी समीक्षा का रिपोर्ट दें और इस अतिक्रमण को हटाया जाए और जरूरत पड़े तो इसके लिए बल का प्रयोग भी करें
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