मूल निवास की मांग हुई तेज, स्थाई निवास प्रमाणपत्र की प्रतियां नदियों में की गई प्रवाहित

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उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून को लागू करने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। मूल निवास की मांग को लेकर सोमवार को उत्तरकाशी और रूद्रप्रयाग में लोगों ने स्थाई निवास प्रमाणपत्र की प्रतियां नदियों में प्रवाहित की।

स्थाई निवास प्रमाणपत्र की प्रतियां नदियों में की प्रवाहित
प्रदेश में मूल निवास और भू-कानून को लागू करने के लिए मुहिम छेड़ दी गई है। इसी मुहिम के तहत सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड क्रान्ति दल और व्यापार संघ द्वारा मन्दाकिनी नदी में स्थाई निवास प्रमाणपत्र की प्रतियां प्रवाहित की गई। इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के गनानी बड़कोट में भी लोगों ने यमुना नदी में स्थाई निवास की प्रतियां प्रवाहित की।

पहाड़ में हो गया है बाहरी लोगों का वर्चस्व
उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता पृथ्वीपाल सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड राज्य गठन के 23 साल बाद भी प्रदेश में मूल निवास भू-कानून लागू न हो पाना भातीय जनता पार्टी के साथ ही कांग्रेस की भी राजनैतिक विफलता है। इसी कारण आज पूरे पहाड़ में बाहरी लोगों का वर्चस्व हो गया है।

नौनिहालों के भविष्य के मूल निवास और भू-कानून जरूरी
प्रदेश में मूल निवास और भू-कानून के लिए हर जगह से आवाज उठ रही है। व्यापार संघ के प्रदेश संगठन मंत्री मोहन रौतेला ने कहा कि हमारे नौनिहालों के भविष्य के लिए उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तो ये हमारे अस्तित्व का अहम सवाल बन गया है