दरोगाा भर्ती घोटाला- आयु सीमा पार लोगों का हमराह बना हाकम, फर्जी मार्कशीट से बना दरोगा

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उत्तराखंड में 2015 में पुलिस दरोगा भर्ती खुलासा होने के बाद दिन पर दिन इस मामले में नई नई परतें खुलती जा रही है बता दें कि साल 2015-16 दरोगा भर्ती की लिखित परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित कराए की गई थी लेकिन विश्वविद्यालय में भर्ती से जुड़ा अहम सबूत ओएमआर शीट संदिग्ध हालत में जल गई हालांकि विजिलेंस ने राख से सबूत तलाश निकाले हैं विजिलेंस ने दरोगा भर्ती घोटाले की जांच और रिपोर्ट शासन को सौप दी है। शासन के निर्देश पर भर्ती हुए 20 दरोगाओ की पहली खेप को एक साथ सस्पेंड कर दिया गया, अप विजिलेंस से जुड़े सूत्रों की माने तो इन सभी पर कार्यवाही जलाई गई ओएमआर शीट के बूते नहीं की गई बल्कि विजिलेंस ने सबसे पहले भर्ती हुए कुल 339 दरोगाओं के शेक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की। इस मामले में दारोगाओं के फर्जी प्रमाण पत्रों का जिक्र करते हुए बताया था किदरोगाओं ने फर्जी प्रमाण पत्रों के बूते वर्दी हासिल की इनमें से कई दरोगा ऐसे भी हैं जिनके कॉलेज तक का पता नहीं है इस मामले में एक नया पहलू सामने आया है सूत्र बताते हैं कि कुमाऊं में तैनात 4 दरोगा ऐसे हैं जिन्होंने न सिर्फ फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल की बल्कि हाकम और पैसों की माया के बूते बड़ी उम्र की आड़ आने नहीं दी इन्हीं दरोगा में से दो दरोगा ऐसे हैं जिन्होंने दरोगा बनने के लिए बीए की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल किया जबकि एक दरोगा ऐसा है जिन्होंने इंटर की मार्कशीट तो असली है लेकिन जिस स्कूल से उन्होंने मार्कशीट प्राप्त की वह मान्यता प्राप्त संस्थान नहीं है सीधे तौर पर कहा जाए तो यह भी फर्जी है जबकि चौथे दरोगा ऐसा है जो उम्र के लिहाज से दरोगा बनने के लायक नहीं था यानी वह तय उम्र सीमा 28 वर्ष पार कर चुका था इसके बावजूद इसके वह दरोगा बन गया।

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फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों वालों पर होगी कार्रवाई

विजिलेंस रडार पर सभी 339 दरोगा है जो इन सभी की जांच में लंबा वक्त भी लग सकता है लेकिन प्राथमिक जांच में सामने आए पहले 20 दरोगा की नौकरी बचना बहुत मुश्किल है खास तौर पर जो दरोगा जो जांच में प्रमाण पत्र फर्जी मिले या फिर अन्य वजह से वह भर्ती लायक नहीं रहे थे मसलन उम्र का कम या ज्यादा होना माना जा रहा है कि ऐसे दरोगाओं पर कठोर कार्रवाई होना तय है

पूरी दरोगा भर्ती परीक्षा है सवालों के घेरे में

विजिलेंस की जांच और प्राथमिक जांच में बीज दरगाह के नाम सामने आने के बाद तमाम चर्चाएं शुरू हो गई है लोग अब पूरी भर्ती पर भी सवालिया निशान बना रहे हैं इस भर्ती में वेटिंग लिस्ट वाले व अन्य कारणों से बाहर हुए लोगों के कयास हैं कि यह सभी ने जो जुगाड़ लगाकर नौकरी हासिल की है और जो काबिल से उन्हें ना काबिल लोगों की वजह से बाहर कर दिया गया ऐसे में दरोगा भर्ती दोबारा कराई जानी चाहिए