चीन में फिर फैलने लगा कोरोना, हाल ही में सरकार ने दी है सख्ती में छूट

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चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब यहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

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इसी बीच 2 साल तक कड़े कोरोना नियम लागू करने वाली चीन सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। अब अधिकारियों का कहना है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यहां तक कि सरकार लोगों से सेल्फ केयर की बात कह रही है। यानी सरकार का कहना है कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। लोग खुद को ध्यान रखें तो संक्रमण से बचा जा सकता है।


संक्रमित मेडिकल स्टाफ कर रहा इलाज
सरकार के लॉकडाउन हटाने के फैसले का खामियाजा डॉक्टर्स भुगत रहे हैं। हॉस्पिटल्स में कोरोना संक्रमित मरीजों की लाइन लगी हुई है। इनका इलाज करने वाले कई डॉक्टर्स संक्रमित हो गए हैं। एक मेडिकल स्टाफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। उसमें बताया कि संक्रमित होने के बावजूद उनसे काम करवाया जा रहा है।


चीन में क्या हो रहा –
एक तरफ CCP की हाईएस्ट रैंकिंग वाली एकमात्र महिला और चीन में कोरोना से लड़ने वाली एक समिति की हेड सुन चुनलान का कहना है कि देश में कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट कमजोर हो गया है। इससे अब कोई खतरा नहीं है। दूसरी तरफ, कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।


सरकार एडवाइजरी जारी करते हुए कह रही है कि कोरोना का खतरा न के बराबर है। अगर किसी को कोरोना हो भी जाता है तो वो घर में आइसोलेशन में रह सकते हैं। पॉजिटिव होने के बावजूद उनमें कोरोना के ज्यादा लक्षण नहीं दिखेंगे। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है।


सरकार की खतरा कम होने की बयानबाजी और एडवाइजरी के बावजूद चीन में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। लोकल मेडिकल इमरजेंसी की हेल्पलाइन पर रोजाना 30 हजार से ज्यादा लोग कॉल करके मदद मांग रहे हैं। शिचुआन प्रांत में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां हर दिन 700-800 मरीज बुखार की समस्या लेकर आ रहे हैं।


हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना पाबंदियों में ढील देने के कारण मामलों में उछाल देखा जा रहा है। कई जगहों डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ बीमार हो रहे हैं। कुछ तो संक्रमित भी हो रहे हैं। कई अस्पतालों में दवाएं खत्म हो गई हैं।


इसी बीच वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए कहा है। WHO ने एक बयान में कहा- कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।