चमोली हादसा : पहले भी प्लांट में तीन बार उतरा था करंट, कई कर्मी झुलसे, लेकिन चुप्पी क्यों ?

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चमोली में हुए दर्दनाक हादसे ने जहां एक ओर सबको झकझोर कर रख दिया है तो वहीं दूसरी ओर ये बात सामने आ रही है कि पहले भी इस प्लांट में तीन बार करंट उतरा था और तब भी कई कर्मचारी झुलसे थे। लेकिन इन मामलों को दबा दिया गया। लेकिन अब इतने बड़े हादसे के बाद ये बातें सामने आ रही हैं। जो कि सवाल खड़े कर रही हैं।

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पहले भी प्लांट में तीन बार उतरा था करंट
बुधवार को चमोली में जिस एसटीपी प्लांट में दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें 16 लोगों की जान चली गई। यहां एक बात तो साफ हो जाती है कि इतना बड़ा हादसा हुआ इसमें कहीं ना कहीं तो चूक हुई थी। लेकिन सभी संबंधित विभाग इस से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

इस हादसे के होने के बाद सामने आ रहा है कि जिस एसटीपी प्लांट में इतना बड़ा हादसा हुआ उसमें पहले भी तीन बार करंट उतरा था। जिसमें कई कर्मचारी झुलसे थे। लेकिन इन घटनाओं को दबा दिया गया। यहां सवाल ये उठता है कि पहले भी ऐसी घटनाएं हुई थी तो इन्हे दबा क्यों दिया गया ?

विभाग जिम्मेदारी से झाड़ रहे पल्ला
इस घटना के सामने आने के बाद सवाल तो कई हैं जिनके जवाब तो जांच पूरी होने क बाद ही मिल पाएंगे। लेकिन हादसे की जिम्मेदारी कोई भी विभाग लेने से मना कर रहा है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कांफिडेंट इंजीनियरिंग कंपनी व जयभूषा कंपनी जिस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हादसा हुआ उसमें कर्मियों की तैनाती और मेंटिनेंस का काम संयुक्त रूप से करती है।

जबकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर सीवर की सप्लाई जल संस्थान द्वारा की जाती है। इसके साथ ही बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी ऊर्जा निगम की है। लेकिन बुधवार को हुए हादसे की जिम्मेदारी कोई भी नहीं ले रहा है। तीनों जिम्मेदार एजेंसी इस से अपना पल्ला झाड़ रही हैं। तीनों अपने स्तर से किसी चूक के होने से इंकार कर रहे हैं।

पहले ही एक युवक की मौत के बाद भी विभाग गंभार क्यों नहीं ?
अगर इन बातों पर ध्यान नहीं भी दिया जाए तो एक सवाल फिर भी लगातार उठता है कि अगर पहले ही यहां पर तैनात एक युवक की मौत हो गई थी तो फिर इसको लेकर विभाग गंभीर क्यों नहीं हुए? इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? क्यों दोबारा हादसे को नियौता दिया गया ?

जहां एक ओर प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी इस हादसे लिए पूरी तरह से ऊर्जा निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगम का कहना है कि बीती रात को बिजली की लाइन में फाल्ट आया था। लेकिन इसकी वजह से प्लांट में एक युवक की करंट से मौत हो गई इसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई थी। ना ही किसी ने उन्हें शटडाउन के लिए कहा था।

किस स्तर पर हुई चूक जांच से होगा खुलासा
जहां ऊर्जा निगम युवक की करंट से मौत होने की जानकारी ना होने की बात कह रहा तो वहीं जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने ऊर्जा निगम को इस हादसे के बारे में जानकारी दे दी थी। इसके साथ ही उन्होंने ऊर्जा निगम को बिजली काटने के लिए कह दिया था।

जहां विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए इस से पल्ला झाड़ रहे हैं। तो इस से ये तो साफ हो जाता है कि गलती तो हुई थी। लेकिन ये अभी तक साफ नहीं हो पाया कि चूक किस स्तर पर हुई थी। ये तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि तीनों में कौन इसके लिए जिम्मेदार है।