Breaking-लगातार चार दिनों से रजिस्ट्री की संख्या में गिरावट आने की वजह से प्रशासन ने जारी की यह एडवाइजरी! भूमि को खरीदने व बेचने दोनों के लिए है जरूरी

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

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पिछले चार दिनों से निबंधक कार्यालय की दोनों रजिस्ट्रार ओं के कार्यालय में रजिस्ट्री नहीं होने से जहां एक और सरकार को राजस्व की भारी चपत लग रही है वहीं अब इस मामले में प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है। एक और जहां आज जिलाधिकारी ने मीडिया के सामने कहा कि किसी भी प्रकार के रजिस्ट्री पर रोक नहीं है सिर्फ कुछ गांव की जमीनों की जांच के चलते वहां की रजिस्ट्री की क्रॉस चेकिंग की जा रही है।

डीएम और निबंधक रजिस्टर ने कही है बात

लेकिन हल्द्वानी में भूमि की खरीद-फरोख्त से जुड़े कुछ विशेष लोगों ने ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अपना विचार लोगों के सामने रखा है विचार लोगों के सामने रखा है इन लोगों का कहना है कि भावरी क्षेत्र मैदानी और पार्वती क्षेत्र से भिन्न है यहां पर छोटी जोत के खेत हैं जिनकी चौड़ाई काफी कम होती है अगर कोई किसान अपने घर के खर्च तथा बच्चों की पढ़ाई और शादी ब्याह के लिए जमीन किसी भी व्यवसाय के माध्यम से बेचता है तो उसे रैरा के नियमों के तहत काफी बड़ी मात्रा में भूमि सड़क और डेवलपमेंट के नाम पर छोड़नी पड़ती है जिससे उसे काफी नुकसान होता है।

वही आज सचिव विकास प्राधिकरण ने एक एडवाइजरी भी जारी की है वहीं जानकार लोगों का कहना है कि विकास प्राधिकरण को अस्तित्व में आए कई साल हो गए हैं लेकिन इस कार्यालय में इस तरह की एडवाइजरी पहले जारी नहीं की जिससे लोग अपने हिसाब से जमीनें भेजते रहें बल्कि कोई जनप्रतिनिधियों ने तो विकास प्राधिकरण के कार्यों पर ही सवालिया निशान लगाते हुए इसे बंद करने की भी मांग की थी जिसे तत्कालीन सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में एक परिधि तक इसे औचित्य हीन करार दे दिया था।

अब आप विकास प्राधिकरण के सचिव के द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बारे में जान ले

जिले में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर संशय को दूर करने के लिए जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल ने नियम साझा किए है। प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय ने जरूरी नियमों को लेकर आदेश जारी किया है।
सभी भू-स्वामियों के संज्ञान में लाना है कि वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा भू-स्वामियों, भू-विकासकर्ताओं एवं खरीदारों के हितों के संरक्षण हेतु रियल स्टेट एक्ट-2016 को लागू किया गया। इस अधिनियम की धारा-3 ( 2 ) (a) के अन्तर्गत 500 वर्गमीटर से अधिक के भू-विकास परियोजना एवं 08 यूनिट के अधिक फ्लैट के अपार्टमैंट की परियोजना का रेरा पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। उक्त के दृष्टिगत निम्न तथ्यों को स्पष्ट किया जाता है:-

(1) जनपद नैनीताल में जिला विकास प्राधिकरण के क्षेत्रान्तर्गत भू- विन्यास, अपार्टमैंट निर्माण, मल्टी हाउसिंग निर्माण, ले-आउट निर्माण, निजी आवासीय / व्यवसायिक भवनों के निर्माण आदि से पूर्व जिला विकास प्राधिकरण से उत्तराखण्ड भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अन्तर्गत मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है।

(2) बिना स्वीकृत मानचित्र के उक्त प्रकार की परियोजना निर्माण एवं विक्रय करना अवैध है।

अवैध प्लाटिंग / ले-आउट का निर्माण कर विक्रय करने से अनियोजित विकास एवं अवैध निर्माण की गतिविधि हो रही है। क्रेताओं के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। लैण्ड फ्रॉड के प्रकरणों में वृद्धि हो रही है। नवीन आवासीय क्षेत्रों में सड़क, जल निकासी, विद्युत, पेयजल की गम्भीर समस्याऐं उत्पन्न हो रही हैं।

कृषि भूमि के सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि कृषि भूमि को कृषि प्रयोजन हेतु क्रय-विक्रय करने पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है (ज0वि०एवं भू-व्यवस्था अधिo, 1950 के प्रतिबन्धों के आधार पर)।

(5) एक बड़े भूखण्ड / भूमि क्षेत्रफल को सड़क आदि का निर्माण कर छोटे-छोटे भूखण्ड बना कर रेरा का उल्लंघन न करने का शपथ पत्र देकर भूमि क्रय-विक्रय करना अवैधानिक कृत्य है। इससे अनियोजित विकास के साथ-साथ राज्य सरकार को वित्तीय हानि होती है तथा क्रेता के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं।

(6) आवासीय प्रयोजन हेतु भूमि क्रय करने वाले क्रेताओं एवं अपने निवास हेतु फ्लैट क्रय करने वाले क्रेताओं से अपील है कि प्लाट अथवा फ्लैट खरीदने से पूर्व प्लाटिंग / ग्रुप हाउसिंग / मल्टीपल हाउसिंग मानचित्र की स्वीकृति का परीक्षण अवश्य कर लें और उसका उल्लेख विक्रय पत्र में अवश्य करायें। ऐसा करने से क्रेता के हित सुरक्षित होंगे तथा विवाद की स्थितियां समाप्त होंगी।