कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना टेस्ट मामले में बड़ा अपडेट, इस लैब के खिलाफ मुकदमा

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हरिद्वार में कुम्भ मेले के दौरान फर्जी कोविड टेस्ट मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। यही नहीं इस पूरे मामले में ईडी भी एक्टिव है। ईडी की रिपोर्ट के बाद अब पुलिस ने इस मामले में देहरादून में लैब संचालक के खिलाफ मुकदमा करा दिया है।


दरअसल हरिद्वार में 2021 में लगे कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड-19 जांच की जा रही थी। ये काम एक कंपनी को दिया गया था। आरोप हैं कि रैपिड एंटीजन टैस्ट एवं RTPCR टेस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। चूंकि प्रति सैंपल सरकार पैसे दे रही थी लिहाजा जांच के लिए लगाई गई कंपनी ने फर्जी तरीके से जांच के आंकड़े रखे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक ऐसे शख्स के मोबाइल पर मैसेज गया जो कभी कुंभ मेले में आया ही नहीं। इसके बाद जांच के आदेश दिए गए।

लैब संचालक के खिलाफ हो गया मुकदमा
इस पूरे मामले में ईडी भी जांच कर रही थी। प्रर्वतन निदेशालय द्वारा कुम्भ मेले के दौरान कोविड के फर्जी रैपिड एंटीजन टैस्ट और RTPCR टैस्ट किये जाने के मामले में जांच रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई थी। ईडी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट की जांच में प्रथम दृष्टया फर्जी टैस्ट किये जाने की पुष्टि हुई थी। इसी आधार पर देहरादून के पटेलनगर इलाके की डीएनए लैब के संचालक दिव्य प्रकाश के खिलाफ मुकदमा हो गया है। वहीं हरिद्वार में मैक्स कार्पोरेट सर्विस कुम्भ मेला व नलवा लैबोरेट्रीज हिसार व डॉ लाल चन्दानी लैब दिल्ली के विरुद्व भी केस दर्ज किया गया है।

फर्जी कोविड टेस्ट दिखा ले लिए 84 लाख
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत की गई जांच मे पाया कि थाना पटेलनगर क्षेत्र के अंतर्गत स्थित डीएनए लैब द्वारा कुम्भ मेला हरिद्वार 2021 के द्वौरान रेपिड एन्टीजन टेस्ट एंव आरटी-पीसीआर टेस्ट किये गए थे, जिसमे लैब को सरकारी धन कुल 84 लाख से अधिक का भुगतान किया गया।

अधिकांश आंकड़े निकले फर्जी
प्रयोगशाला के आईसीएमआर डेटा की जांच मे प्रयोगशाला लैब द्वारा किये गये परीक्षण के सम्बन्ध मे आईसीएमआर पोर्टल पर की गई अधिकांश एंट्री नकली पाई गई और कई रोगियो के लिए अलग-अलग तारीखों पर एक ही मोबाइल नम्बर और मरीजो के अलग-अलग पते होना पाया गया है।