बड़ी खबर : UCC ड्राफ्ट सरकार को नहीं मिला, लेकिन बीजेपी को हो गया लीक

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प्रदेश में यूसीसी को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं तेज हैं कि इस साल समान नागरिक संहिता को जल्द ही लागू किया जा सकता है। यूसीसी के ड्राफ्ट में क्या कुछ प्रावधान हैं ये किसी को पता नहीं है। लेकिन बीजेपी संगठन ने इसको लेकर कुछ जानकारी साझा की है। जिसमें बताया गया है कि यूसीसी लागू होने के बाद क्या कुछ नियम होंगे। जिसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं।

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UCC ड्राफ्ट सरकार को नहीं मिला लेकिन हो गया लीक
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने को लेकर धामी सरकार के द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा ऐलान किया गया था कि अगर भाजपा की सरकार सत्ता में वापसी करेगी तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। जिसको लेकर धामी सरकार की वापसी होने के बाद पहले कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी को लागू करने से पहले सुझाव लेने को लेकर कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी के द्वारा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और इसी महीने ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जाएगा। ये बात खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं।

समान नागरिक संहिता को लेकर जो कमेटी बनी है वो कुछ सुझाव आम जनता से लेने के बाद सरकार को ड्राफ्ट सौंपेगी। ये अभी किसी को पता नहीं है कि कमेटी ने क्या कुछ प्रावधान ड्राफ्ट में किए हुए हैं। यहां तक की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी शायद ही मालूम होगा कि कमेटी क्या कुछ रिपोर्ट अपनी सौंपने जा रही है। लेकिन भाजपा संगठन के द्वारा समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद क्या कुछ नए नियम उत्तराखंड में होंगे उसको लेकर जानकारी साझा की गई है।

बीजेपी ने बताए UCC लागू होने के बाद क्या होंगे प्रावधान
साल 2023 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा लिए गए बड़े फैसलों को लेकर बीजेपी द्वारा जानकारी साझा की गई है जिसमें समान नागरिक संहिता का भी जिक्र भाजपा संगठन के द्वारा किया गया है। जिसमें एक पहलू जनसंख्या नियंत्रण लागू होने का हवाला भी समान नागरिक संहिता के तहत दिया गया है। जिसके दो बच्चे से ज्यादा होंगे उसे ना तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा और ना ही मत का अधिकार मिलेगा। ये दावा भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किया गया है।

बीजेपी द्वारा यूसीसी के प्रवाधानों के बारे में बताने के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार जिस ड्राफ्ट की भनक सरकार तक को नहीं है कि आखिरकार उसके प्रावधान भारतीय जनता पार्टी को कैसे पता चल गए कि जनसंख्या नियंत्रण कानून के तहत कई प्रावधान समान नागरिक संहिता में होंगे। जब अब इस मामले को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी इस पर सफाई देते हुए कह रही है कि संगठन के नाते जो सुझाव पार्टी के द्वारा कमेटी को दिए गए थे उन सुझावों का हवाला उनके द्वारा दिया गया है। कमेटी क्या कुछ सुझाव देती है और सरकार उसके बाद क्या कुछ नियम बनाती है वो तो बाद की बात है।

काल्पनिक बात करना उचित नहीं – गणेश जोशी
भाजपा संगठन जहां समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद क्या कुछ नियमों में बदलाव होगा उसकी जानकारी साझा करने के बाद सफाई पेश करती हुई नजर आ रही है। तो वहीं धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि जब तक किसी चीज का जीओ जारी नहीं होते तब तक कहना किसी भी बात के लिए उचित नहीं है। काल्पनिक बात तो करना बिल्कुल उचित नहीं है।

भाजपा संगठन के द्वारा जिस तरीके से समान नागरिक संहिता के नियमों का हवाला देकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कामों की सराहना कर रहा है। उससे अब भाजपा ही असहज स्थिति में नजर आ रही है। यही वजह है कि अब भाजपा सुझावों की बात पर आ गई है। लेकिन सवाल अब भी यही उठ रहा है कि क्या सुझाव देने की बात यदि अगर सही है तो फिर उसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों की उपलब्धियां में क्यों रखा गया है ?