बेसिक प्राइमरी टीचर के लिए अब बीएड जरूरी नही। अब इस तरह भरे जाएंगे 3000 पद

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देहरादून– राज्य के सरकारी स्कूलों में बेसिक शिक्षकों के तीन हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता खुल गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) (संशोधन) सेवा नियमावली, 2012 के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के जरिए बेसिक शिक्षक के लिए शैक्षिक योग्यता से बीएड डिग्री को अमान्य कर दिया गया है। केवल डीएलएड वाले ही पहली से पांचवीं कक्षा तक के बेसिक शिक्षक के पद के लिए पात्र होंगे।

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सचिव-मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट ने पिछले साल एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद- एनसीटीई की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। 28 जून 2018 को जारी इस अधिसूचना के तहत ही बीएड डिग्री को बेसिक शिक्षक के पद के लिए मान्य किया था। अब कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है।


मालूम हो कि राज्य में इस वक्त बेसिक शिक्षक के तीन हजार से ज्यादा पद रिक्त है। इस संशोधन की वजह से पिछले साल से लटकी बेसिक शिक्षक भर्ती भी शुरू हो जाएगी। इससे स्कूलों में शैक्षणिक कार्य में सुधार होगा।