अंकिता के हत्यारों को बचाने की हुई कोशिश-हरदा, पुलिस रिमांड न मिलने पर भी सवाल

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अंकिता भंडारी मर्डर केस में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार से सात सवाल पूछे हैं। हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि सबूतों को मिटाने और अभियुक्तों को बचाने की पूरी कोशिश की गई। पुलिस के जरिए अभियुक्तों की रिमांड न लेने और उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे जाने को लेकर भी हरीश रावत ने सवाल खड़ा किया है। हरीश रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर जो प्रश्न पूछे हैं वो इस तरह हैं –
उत्तराखंड की बेटी #अंकिता का बलिदान तो हो गया, उत्तराखंड 7 प्रश्नों का उत्तर चाहता है!

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  1. जब चीला से अंकिता नहीं लौटी अभियुक्त अकेले आया तो सारे रिजॉर्ट और आस-पास ये चर्चा हो गई कि अंकिता को नहर में डाल दिया गया है, फिर भी स्थानीय पटवारी को छुट्टी पर क्यों जाने दिया?
  2. प्रशासन को मीडिया के सारे घटनाक्रम छपने के बाद भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगा ?
  3. अभियुक्त को पुलिस कस्टडी के बजाए जुडिशरी ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया ?
  4. अंकिता का शव खोजने में जो विलंब हुआ, वह साक्ष्य मिटाने की कड़ी तो नही है ?
  5. अपराधी के कहीं अपराधो के साक्ष्य स्थल पर बुलडोजर फिराने और लोगों को आग लगाने के लिए उकसाने के पीछे कौन है और यह कृत्य किसके हाथों से हुआ?
  6. अभियुक्त को छात्र जीवन से ही मिले राजनीतिक संरक्षण देने वाले संरक्षकों के चेहरे भी क्या बेनकाब होंगे ?
  7. पुलिस ने अभी अभियुक्त का पुलिस रिमांड क्यों नहीं मांगा ?