बड़ी खबर-प्रदेश की 13 झीलें बन सकती हैं बाढ़ का कारण, सामने आई ये बड़ी रिपोर्ट

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प्रदेश की झीलों को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आई है। एनवायरनमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह, एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की 13 झीलें ऐसी हैं जो बड़ी बाढ़ का कारण बन सकती हैं। इस रिपोर्ट में 13 ऐसी हिमनद झीलों की पहचान की गई है जो बाढ़ का कारण बन सकती है।

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देहरादून स्थित एनवायरनमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह, एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी मार्च 2024 की आपदा एवं दुर्घटना रिपोर्ट उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय) जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में जहां एक ओर जंगलों में आग की घटनाओं के बारे में प्रमुखता से बताया गया है। तो वहीं प्रदेश की 13 ऐसी झीलों को चिहिन्त किया गया है जो बाढ़ का कारण बन सकती हैं।

उत्तराखंड की 13 झीलें बन सकती हैं बाढ़ का कारण
हिमालयी क्षेत्र की पांच खतरनाक ग्लेशियल झीलों की जांच के लिए दो विशेषज्ञ समितियों का गठन किए जाने का उदय रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। ये झीलें भविष्य में विस्फोटक स्थिति पैदा कर सकती हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उत्तराखंड में 13 ऐसी हिमनद झीलों की पहचान की है जो बाढ़ का कारण बन सकती है। इन झीलों को खतरे के लिहाज से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। प्राधिकरण उच्च जोखिम वाली ए श्रेणी की पांच झीलों की जांच करवा रहा है।

ग्लेशियर झीलें बन सकती हैं खतरे का कारण
हाल ही में सामने आई आईआईआरएस की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड की ग्लेशियर झीलें खतरे का कारण बन सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भागीरथी, मंदाकिनी, अलकनंदा नदियों के पास की झीलों को लंबे समय से निगरानी की गई। इस दौरान पाया गया कि केदारताल, भिलंगना और गौरीगंगा ग्लेशियरों में लगातार मलबा और मोरेन क्षेत्र बढ़ता जा रहा है और ये आपदा के जोखिम के लिए संवेदनशील है।