देहरादून एसकेटी डॉटकॉम
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं हल्द्वानी के भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता एवं वर्तमान में भवन सन्निमाण कर्मकार बोर्ड के सदस्य प्रमोद बोरा समेत 6 लोगों को बेजुबान घोड़े शक्तिमान की मौत के आरोप से बरी कर दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण सिंह की अदालत में चले इस मुकदमे में मजिस्ट्रेट ने फैसला दिया की घोड़े की मौत एक दुर्घटना के तहत हुई जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के घुड़सवार दस्ते के बीच हुए संघर्ष के बाद घोड़े की टांग एंगल में फस गई थी जिस उपचार के दौरान शक्तिमान घोड़े की मौत हो गई थी। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अदालत में कई पुलिसकर्मियों समेत 14 गवाहों को पेश किया गया जिसमें डॉक्टर ने कहा कि घोड़े के सामने वाले से में कोई चोट का निशान नहीं है। घोड़े का चमड़ा खींचने के दौरान घोड़े की टांग फिसल गई और वह नाली में बने एंगल में फस मैं फस गई जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।
वर्ष 2016 में जब कांग्रेस की सरकार सत्तासीन थी तब भाजपा के द्वारा सरकार के खिलाफ किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भाजपाइयों के बीच हुए संघर्ष मैं घुड़सवार दस्ते में शामिल शक्तिमान घोड़े की मौत हो गई थी जिसके बाद सरकार ने तत्कालीन विधायक गणेश जोशी समेत 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया था यह मुकदमा लगातार 5 साल से चल रहा था। जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया उनमें मुख्य रूप से गणेश जोशी के अलावा प्रमोद बोरा, योगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गॉड तथा राहुल रावत शामिल रहे।
इधर प्रमोद बोरा के बाइज्जत रिहा होने के बाद वह संगठन महामंत्री अजेय जी से मिले। उनके समर्थको में उत्साह का माहौल है। बोरा भाजयुमो के तेज तर्रार नेताओं में गिने जाते हैं। छात्र संघ से लेकर भाजयुमो तक उन्होंने हमेशा सत्ता में रही कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष किया जिसके उपरांत युवा मोर्चा के अथक प्रयासों से भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। वर्तमान में वह कर्मकार सन्निमण कल्याण बोर्ड के सदस्य हैं
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