Year Ender 2023 : इस साल दर्दनाक हादसों से दहला पहाड़, कभी ना भरने वाले जख्म दे गया ये साल

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साल 2023 में उत्तराखंड में कई ऐसे हादसे हुए जो उत्तराखंड को कभी ना भरने वाले जख्म दे गया। जहां साल की शुरूआत में ही जोशीमठ में भू-धंसाव ने कई लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया तो वहीं भीषण सड़क हादसों में कई लोगों की मौत हो गई।

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जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण लोगों ने छोड़े अपने घर
उत्तराखंड में इस साल की सबसे बड़ी खबर जोशीमठ भू-धंसाव रही। साल की शुरूआत में ही जोशीमठ का मंजर देख पूरा उत्तराखंड हिल गया था। अचानक जोशीमठ में पड़ती दरारों ने हर किसी को हैरान कर दिया था। पूरे देश में जोशीमठ के धंसने की खबरें आग तरह फैलीं। बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव तो एक साल पहले ही शुरू हो गया था। लेकिन भू-धंसाव में तेजी 2023 की जनवरी में देखी। जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 12 दिन में जोशीमठ शहर करीब साढ़े पांच सेंटीमीटर धंस चुका था। अप्रैल में भू-धंसाव थोड़ा कम हुआ और लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कवायद शुरू की गई। हालांकि अभी भी जोशीमठ खतरे की जद से बाहर नहीं है।

मुनस्य़ारी में भीषण सड़क हादसा
साल 2023 हादसों का साल रहा। उत्तराखंड के सीमांत जिले के मुनस्यारी में जून के महीने में भीषण सड़क हादसा हुआ। यहां एक बोलेरो जीप के गहरी खाई में गिरने से नौ लोगो की दर्दनाक मौत हो गई। आपको बता दें कि जीप बागेश्वर जिले के शामा से पिथौरागढ़ के नाचनी की तरफ जा रही थी। इसी दौरान वो हादसे का शिकार हो गई।

नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर फैला करंट
चमोली करंट हादसे ने प्रदेश में हर किसी की आंखों में आंसू ला दिए थे। जुलाई में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे अचानक करंट फैल गया था। इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी। जबकि कई लोग बुरी तरह झुलस गए थे। बता दें कि हादसे के वक्त नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर काम चल रहा था और जिस समय हादसा हुआ उस वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे। इस दर्दनाक हादसे में एक ही गांव के लोगों की मौत एक साथ हुई थी। जिस से गांव में मातम पसर गया था।

गंगोत्री हाइवे पर गिरी बस, हादसे में सात की मौत
उत्तराखंड में पहाड़ों पर सड़क हादसा होना आम बात हो गई है। हर बार सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। अगस्त 2023 में गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास भीषण सड़क हादसा हुआ। यात्रियों को लेकर जा रही एक बस खाई जा गिरी। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी और 28 लोग घायल हो गए।

उत्तरकाशी में पहले भी बहुत सारी बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं। साल 1995 में हुए बस हादसे में 70 और 2017 में हुए बस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी। उत्तरकाशी जिले में डबराणी, गंगनानी और नालूपानी में सड़क हादसों का काला इतिहास रहा है। 20 सितंबर 1995 को गंगोत्री हाईवे पर डबराणी में हुए बस हादसे में 70 लोगों की जान गई थी।

नौ जून 2003 को गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी में कार हादसे में चार लोगों की मौत हुई थी। गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी में नौ जुलाई 2006 को बस हादसे में 22 लोगों की मौत हुई थी। एक अगस्त 2010 को गंगोत्री हाईवे पर ही डबराणी में ट्रक हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी। 21 मई 2017 को गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी में बस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई थी। सात जून 2022 को यमुनोत्री हाईवे पर डाम्टा में बस हादसे में 26 लोगों की मौत हुई थी।

नैनीताल में दो सड़क हादसों में नौ की मौत
नैनीताल में इस साल दो बड़े हादसों में 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कोटाबाग ब्लॉक में बाघनी पुल के पास एक दिल्ली के नंबर की कार हादसे का शिकार हो गई थी। कार 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई है।

17 नवंबर 2023 को नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक के छीड़ाखान-रीठासाहिब मोटर मार्ग में दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक टैक्सी वाहन के खाई में गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। बाद में हादसे में घायल एक बच्चे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

सिलक्यारा सुरंग हादसा
उत्तराखंड में इस साल की बड़ी खबरों में सिलक्यारा टनल हादसा शामिल है। जिसने ना सिर्फ प्रदेश बल्कि देश-विदेश में भी सनसनी फैला दी। 12 नवंबर 2023 की तारीख दिवाली के त्यौहार के दिन मजदूर रोजाना की तरह उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में अपने काम पर लगे हुए थे। लेकिन अचानक तड़के पांच बजे सुरंग के भीतर भूस्खलन होने लगा और देखते ही देखते निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया।

भूस्खलन के कारण टनल के अंदर 41 श्रमिक फंस गए। 17 दिन तक उन मजदूरों ने जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ी। 16 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 17 वें दिन मजदूरों को बाहर निकाला गया और इसी के साथ उत्तराखंड में दिवाली मनाई गई।