Year Ender 2023: इस साल उत्तराखंड में मूल निवास, जोशीमठ भू-धंसाव से लेकर सिलक्यारा तक ये घटनाएं रहीं चर्चा का विषय
साल 2023 खत्म होने वाला है। उत्तराखंड के लिए साल 2023 में जहां एक ओर सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने विकास का एक नया दौर देखा। यूसीसी, महिला आरक्षण से लेकर जी-20 की बैठक और निवेशक सम्मेलन देखा तो वहीं दूसरी ओर कई ऐसी घटनाएं भी हुईं जिन्होंने देश के साथ ही दुनिया का ध्यान भी उत्तराखंड की ओर खींचा।
जोशीमठ भू-धंसाव
उत्तराखंड में इस साल की सबसे बड़ी खबर जोशीमठ भू-धंसाव रही। अचानक जोशीमठ में पड़ती दरारों ने हर किसी को हैरान कर दिया था। पूरे देश में जोशीमठ के धंसने की खबरें आग तरह फैलीं। बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव तो एक साल पहले ही शुरू हो गया था। लेकिन भू-धंसाव में तेजी 2023 की जनवरी में देखी। जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 12 दिन में जोशीमठ शहर करीब साढ़े पांच सेंटीमीटर धंस चुका था। अप्रैल में भू-धंसाव थोड़ा कम हुआ और लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कवायद शुरू की गई। हालांकि अभी भी जोशीमठ खतरे की जद से बाहर नहीं है।
चमोली करंट हादसा
चमोली करंट हादसे ने प्रदेश में हर किसी की आंखों में आंसू ला दिए थे। जुलाई में चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया था। इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग बुरी तरह झुलस गए थे। ये हादसा इतना दर्दनाक था कि जिसने भी सुना और पढ़ा वो अपने आंसू नहीं रोक पाया। हादसे के वक्त नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर काम चल रहा था और जिस समय हादसा हुआ उस वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे।
महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण
उत्तराखंड की मातृशक्ति को और मजबूत बनाने के लिए इस साल महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार मिला। बता दें कि आरक्षण का लाभ उन सभी महिलाओं को मिलेगा जिनका उत्तराखंड राज्य का डोमिसाइल है। बेशक वे राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर निवास कर रही हों। इस फैसले से प्रदेश की महिलाओं में खुशी की लहर देखने को मिली थी।
सिलक्यारा टनल हादसा
उत्तराखंड में इस साल की बड़ी खबरों में सिलक्यारा टनल हादसा शामिल है। जिसने ना सिर्फ प्रदेश बल्कि देश-विदेश में भी सनसनी फैला दी। 12 नवंबर 2023 की तारीख दिवाली के त्यौहार के दिन मजदूर रोजाना की तरह उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में अपने काम पर लगे हुए थे। लेकिन अचानक तड़के पांच बजे सुरंग के भीतर भूस्खलन होने लगा और देखते ही देखते निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया।
भूस्खलन के कारण टनल के अंदर 41 श्रमिक फंस गए। 17 दिन तक उन मजदूरों ने जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ी। 16 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 17 वें दिन मजदूरों को बाहर निकाला गया और इसी के साथ उत्तराखंड में दिवाली मनाई गई।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023
जहां एक ओर इस साल उत्तराखंड को इस साल हुए हादसे कभी ना भूलने वाले गम दे गए तो वहीं इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा भी दुनियाभर में हुई। जिसमें देश-विदेश के बड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लेकर देवभूमि उत्तराखंड को दुनियाभर में पहचान दिलाई। इस निवेशक सम्मेलन में बड़े पैमाने पर निवेशकों में राज्य में निवेश को लेकर उत्साह था।
इस उत्साह का सकारात्मक परिणाम ये रहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान उत्तराखंड में निवेश के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए है। इसके साथ ही अब एमओयू को धरातल पर उतारने की कवायद भी शुरु हो चुकी है।
मूल निवास के लिए लोगों ने भरी हुंकार
साल 2023 ने जाते-जाते एक ऐसे मुद्दे को हवा दी जो आने वाले नए साल में एक बड़ा मुद्दा बनकर जोर पकड़ सकता है। हम बात कर रहे हैं मूल निवास और भू कानून की। लंबे अरसे से इसकी मांग तो की जा रही थी लेकिन 24 दिसंबर को उत्तराखंड के लोगों ने ऐसी हुंकार भरी कि हर कोई देखता रह गया। कहा तो ये भी गया कि राज्य गठन आंदोलन की तरह ही एक बड़ा आंदोलन राज्य में फिर देखने को मिल सकता है।
उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून को लागू करने के लिए आम जनता से लेकर सामाजिक और राजनीतिक संगठन सक्रिय हो चुके हैं। अगर समय रहते सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले साल में इस सक्रियता की चिंगारी विकराल रूप ले सकती है
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