बनभूलपुरा कांड में फंसे दो को जमानत, जाने क्यों हुई जमानत




उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद, चालक मोहम्मद जहीर समेत कई अन्य आरोपियों की जमानत पर 22 अगस्त को सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए फिलहाल मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद को फिलहाल राहत न देते हुए घटना में शामिल अन्य निजाम और शारिक सिद्दीकी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.
शुक्रवार 22 अगस्त को हुई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तरफ से कहा गया कि उनका इस दंगे से कोई लेना देना नहीं है. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है. मुख्य साजिशकर्ता भी जेल में बंद है. जब से घटना हुई तब से वे जेल में बंद हैं. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.
जिसपर कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. पूर्व में हुई सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्य साजिशकर्ता और दो अन्य के खिलाफ सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो गई है. इसलिए आरोपियों को जमानत के लिए पुनः सेशन कोर्ट में जाना चाहिए.
पूर्व में आरोपियों के द्वारा एक साजिश के तहत बनभूलपुरा में दंगा कराया गया था. जिसमें कई आम नागरिक समेत सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. जिसकी जांच करने पर पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. तब से दंगे में शामिल करीब 50 से अधिक लोगों की जमानत उच्च न्यायालय से हो चुकी है. लेकिन मुख्य साजिशकर्ता और उसके साथ देने वालों की जमानत उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.

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