दो सीटों पर क्यों फंसा पेंच ?, दो दिग्गजों का टिकट कटना तय, जानें बीजेपी किस पर खेल सकती है दांव

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भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तीन सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। जबकि दो सीटों पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। जहां अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह नगर और टिहरी सीट पर पार्टी ने उम्मीदवारों को रिपीट किया है तो वहीं पौड़ी गढ़वाल और हरिद्वार सीट को लेकर अब तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। जिसके बाद दोनों सीट पर उम्मीदवार को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों सीटों से सांसदों का टिकट कटना तय है।

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हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक तो गढ़वाल सीट से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत सिटिंग एमपी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दोनों सीटों से बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने दावेदारी की है। दोनों सीटों पर पेंच फंसने का कारण इस सीट से कई दिग्गज नेताओं की दावेदारी को भी माना जा रहा है।

कट सकता है दो दिग्गजों का टिकट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और गढ़वाल सीट से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत दोनों का टिकट कट सकता है। इसके पीछे जहां एक वजह नए और युवा चेहरों को मौका देना मानी जा रही है तो वहीं पिछले कार्यकाल को भी आधार माना जा रहा है। इसके साथ ही जिस तरीके से तीन लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों को रिपीट किया है और दो सीटों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार रखा है उसके बाद टिकट कटने की चर्चाएं और भी तेज हो गई हैं।

दोनों सीटों पर दावेदारों की लंबी कतार
गढ़वाल लोकसभा की बात करें तो इस सीट से मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत के अलावा अनिल बलूनी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, दीप्ति रावत, आशा नौटियाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, अजेंद्र अजय का नाम भी लिस्ट में है।

हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम लिस्ट में है। इसके साथ ही संजय गुप्ता, श्यामवीर सिंह सौनी, किरण, मदन कौशिक, स्वामी यतीश्वरानंद, यतींद्रानंद गिरी समेत और कई नाम लिस्ट में हैं।

निशंक का मोदी मंत्रिमंडल से बाहर होना भी वजह
हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक सियासत के पक्के खिलाड़ी माने जाते हैं। हर बार वो चुनाव में अपने विरोधी पक्ष को मात देने में सफल रहे हैं। उनकी इसी खूबी के कारण उन्हें मोदी सरकार में शिक्षा मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके बाद ये माना जा रहा था कि निशंक पीएम मोदी के भरोसेमंद बन गए हैं।

लेकिन अचानक ही वो मोदी मंत्रिमंडल से बाहर हो गए और इसकी कोई ठोस वजह भी सामने नहीं आ पाई। जिसके बाद इसे भी उनके टिकट कटने का बड़ा कारण माना जा रहा है। हालांकि निशंक बतौर सांसद ही हरिद्वार में सक्रिय नजर आए हैं और उन्हें सीएम धामी का भी करीबी माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद सत्ता के गलियारों में उनके टिकट कटने की चर्चाएं तेज हैं।

नए चेहरे पर दांव खेल सकती है बीजेपी
लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद उसमें दिग्गज नेता निशंक का नाम शामिल ना होना भी इस ओर इशारा कर रहा है कि बीजेपी किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है। बात करें अगर पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट की तो इस सीट पर उम्मीदवार बदलने के पूरे-पूरे चांस हैं। जिसके पीछे की वजह पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को पहली लिस्ट में जगह न मिलना माना जा रहा है। ये इस बात की ओर इशारा कर रही है कि बीजेपी किसी नए चेहरे पर दांव खेलने का मन बना चुकी है।

सूत्रों की मानें तो तीरथ सिंह रावत को लेकर गढ़वाल सीट पर अच्छा फीडबैक नहीं मिला है। जिस वजह से यहां पर भी मामला अटका हुआ है। पौड़ी गढ़वाल सीट से टिकट की रेस में अनिल बलूनी का नाम सबसे आगे है। लेकिन जब तक दूसरी लिस्ट जारी नहीं होती तब तक उम्मीदवारों को लेकर कुछ भी कहना आसान नहीं है। लेकिन इसको लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं।