पहाड़ विरोधी हैं MDDA की VC?, इस विधायक ने की तल्ख टिप्पणी, मचा हड़कंप

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तो क्या देहरादून की डीएम और एमडीडीए की वीसी सोनिका पहाड़ विरोधी हैं? ये गंभीर सवाल किसी और ने नहीं बल्कि राज्य के ही एक विधायक ने उठाए हैं।
दरअसल खानपुर के निर्दलीय विधायक हैं उमेश कुमार। उमेश कुमार ने देहरादून में राजपुर रोड पर बने एक कैफे की फोटो को अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए ये गंभीर टिप्पणी की है।

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राजपुर रोड पर बने इस कैफे के बाहर लगे ट्रैफिक जाम की फोटो डालते हुए उमेश कुमार लिखते हैं, ” उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण बताने का कष्ट करेंगी कि स्थानीय लोगो के राजपुर रोड पर स्थित कैफ़े नियम विरुद्ध बताकर बंद करने के बाद ये पिकोलो किसके बाप का है जो नियम विरुद्ध होने के साथ-साथ शून्य पार्किंग होने के कारण राजपुर रोड पर जाम लगाता है ।


क्या आप यहाँ कॉफ़ी पीने जाती है या आपके वरिष्ठ अधिकारी गण ?
राजपुर रोड पर एक दर्जन के क़रीब स्थानीय लोगो के कैफ़े आपने नियम विरुद्ध बताकर बंद कर दिये और दिल्ली से आकर कैफ़े चलाने वाले आपके चहते है ।
असल में आप अधिकारी ही पहाड़ विरोधी है ।


आपको क्या पता पहाड़ की पीड़ा , कैसे-कैसे करके इंसान रोज़गार जोड़ता है और आप जैसे पहाड़ विरोधी लोग उनके अरमानों पर पानी फेर देते है। “
विधायक उमेश कुमार द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई फोटो।
MDDA की रही है कृपा!
दरअसल देहरादून की डीएम सोनिका के पास MDDA के VC का भी चार्ज है। पिछले दिनों एमडीडीए के VC के तौर पर कार्रवाई करते हुए मैडम सोनिका ने राजपुर रोड और आसपास के इलाकों में लगभग दो दर्जन से अधिक रेस्त्रां पर ताले डाल दिए। सभी को अलग अलग वजहें दिखाकर नियम विरुद्ध करार दिया गया और सभी को सील कर दिया गया। इसमें कई ऐसे स्टार्टअप भी थे जिन्हे युवाओं ने शुरु किया था और बड़े शहरों में जाने से बेहतर अपने ही राज्य में रहकर काम करना शुरु किया था। कई युवाओं ने लोन लेकर ये काम शुरु किया लेकिन MDDA को रास नहीं आया। इसके बाद विरोध भी हुआ लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


अफसरों का है ठिकाना
वहीं हैरानी इस बात की भी रही कि जहां एक ओर तमाम कैफे बंद कर दिए गए वहीं ठीक राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्जन से आगे बना पिकोलो कैफे चलता रहा। जबकि उसके ही आसपास बने कई कैफे को पार्किंग न होने का हवाला देकर सील कर दिया गया। कई कैफे के संचालकों ने नक्शा पास होने की दुहाई भी दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। और उधर दिलचस्प ये भी है कि पिकोलो कैफे में आने वाले लोगों की गाड़ियों की पार्किंग भी सड़क पर ही होती है और अक्सर टेबल भी सड़क पर लगाया जाता है लेकिन MDDA ने उसे सील नहीं किया। ऐसे में पिकोलो कैफे पर MDDA की ‘कृपा’ को लेकर चर्चाएं होती रहीं। पता चला कि कुछ बड़े अधिकारियों का इस कैफे में आना जाना है। लिहाजा MDDA ने इस कैफे पर आंखें मूंदें रखीं