उत्तराखंड -यहां फर्जी प्रमाण पत्र दायर कर हासिल की नौकरी, विभाग ने भेजा नोटिस

ख़बर शेयर करें

अल्मोड़ा।राज्य में कई बार सरकारी विभागों में फर्जी प्रमाण पत्र दायर कर नौकरी हासिल करने की कई लोगों की खबरें सामने आती रहती है जिसकी वजह से फर्जी दस्तावेज होने की कारण जिन लोगों को असलियत में रोजगार की जरूरत होती है उन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता और जब सामने फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर मामले सामने आते हैं तो यह मामले सालों साल चलते रहते हैं और अब तक राज्य में 12000 से अधिक प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। जानकारी के अनुसार बता दें कि इन्हीं फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर एक बड़ी खबर अल्मोड़ा जिले से सामने आ रही है यहां पर शिक्षा मित्र के पद पर तैनात एक महिला शिक्षिका के स्नातक का अंकपत्र जांच में फर्जी पाया गया है। विभाग ने महिला शिक्षा मित्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

Ad
Ad

शिक्षा विभाग की ओर से विकास खंड चौखुटिया के राजकीय प्राथमिक विद्यालय पालंगवाड़ी में तैनात एक महिला शिक्षा मित्र के स्नातक अंतिम वर्ष का अंकपत्र जांच के लिए ‘दि ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी, नागालैंड’ को भेजा गया था। जांच के दौरान महिला शिक्षा मित्र का अंकपत्र व रजिस्ट्रेशन दोनों फर्जी पाए गए है। विभाग ने महिला शिक्षा मित्र को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है।अगर शिक्षिका द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो विभागीय नियमों के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जिले में शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के दौरान इससे पहले भी 2 मामले पकड़ में आ चुके है। जिसमें ताड़ीखेत ब्लॉक की एक महिला शिक्षा मित्र व हवालबाग ब्लॉक का एक हेडमास्टर शामिल था।विभाग द्वारा दोनों की सेवाएं पूर्व में ही समाप्त की जा चुकी है। स्टूडेंट्स गार्जियन टीचर वेलफेयर कमेटी की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के सरकारी स्कूलों में कई शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाई है।

एसआईटी ने 2018 में इसकी जांच की थी।हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिले में प्रारंभिक शिक्षा में तैनात 2556 शिक्षकों के 12,396 प्रमाणपत्रों की जांच होनी है। जिसमें करीब 7 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों की जांच हो चुकी है। जबकि शेष प्रमाणपत्र विभाग द्वारा जांच के लिए संबंधित संस्थानों को भेजे गए है।