यू ही नहीं बना नीरज गोल्डन बॉय

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जब मैं यह खबर लिख रहा हूँ उसी समय भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का दिल्ली स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर का स्वागत हो रहा है। भारत के खेलप्रेमी
एवम परिजन समेत सरकार एवम भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के पदाधिकारी पलक पावड़े बिछाए खड़े हैं।

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हरियाणा के पानीपत में जीत का जश्न यूं ही नहीं मनाया जा रहा है। यह शहर आज गोल्डन ब्वॉय के शहर के नाम से जाना जाने लगा है । नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर पूरे विश्व में नाम कमाया है वही पदक तालिका में इस स्वर्ण की बदौलत कुछ सम्मानजनक स्थिति में जरूर आ गया है। नीरज के स्वर्ण जीतने के पीछे उसकी बरसों की वह मेहनत है जिसके वजह से आज नीराज ही नही बल्कि भारत का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है।


वह अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हमेशा स्वर्ण पदक थी जीता रहा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीरज चोपड़ा के इस प्रदर्शन पर उन्हें बधाई देते हुए उन्हें सचमुच गोल्डन ब्वॉय ही कहा। नीरज की उपलब्धियों को अगर देखा जाए हर प्रतियोगिता जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की रही जिसमें नीरज ने भागीदारी की वह हमेशा ही गोल्ड ही जीतता रहा। नीरज के अंतरराष्ट्रीय कैरियर को अगर देखा जाए तो उसने वर्तमान में टोक्यो 2020 ओलंपिक में गोल्ड जीतकर पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। नीरज का स्वर्ण पदक एथेलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक है।
नीरज ने बडा दिल दिखाते हुए अपने एवम भारत के इस इकलौते पदक को उड़ान सिख स्वर्गीय मिल्खा सिंह एवम भारत की उड़ान परी के नाम से विख्यात पीटी उषा को समर्पित किया है।

इस स्वर्ण पदक पूर्व उसके प्रदर्शन पर एक नजर डाले तो उसकी इस खेल के प्रति समर्पण को देखा एवम महसूस किया जा सकता है वह भारत का ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ही नही बल्कि विश्व जूनियर भाला फैक धारक भी है।
टोकियो 2020 पदक से पहले वर्ष 2018 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता नीरज चोपड़ा के अब तक के गोल्डन सफर पर अगर एक नजर डाली जाए तो उसकी सफलता का पिछला सफर भी खेल प्रेमियों को पता चलना चाहिए।
एशियाई खेल:
*2018 में स्वर्ण पदक।
राष्ट्रमंडल खेल:
*2018 में स्वर्ण पदक
एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप:
*2017 में स्वर्ण पदक
विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप:
*2016 में स्वर्ण पदक
दक्षिण एशियाई खेल:
*2016 में स्वर्ण पदक
एशियाई जूनियर चैंपियनशिप
*2016 में रजत पदक

  • वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88.07मी – 2021)
    वर्तमान विश्व जूनियर रिकर्ड धारक (86.48 मी0) 2016।
    उसके परिजनो समेत पूरे देश देश खुशी से झूम रहा है। उसकी दादी ने कहा कि जब तक उनका पोता घर नही पहुँचता तब तक यह जश्न चलता रहेगा। अब वह घड़ी आ गैजब भारत का यह गोल्डन बॉय भारत की धरती पर अपने कदम रखेगा।