इस रूसी महिला ने ठाकुर जी से की शादी, अब आजीवन रहेगी सुहागन

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राजस्थान के उदयपुर में हाल ही एक रूसी युवती ने मांगलिक दोष निवारण के लिए एक पेड़ से शादी की, वहीं एक और अनोखी शादी का मामला सामने आया है। कृष्ण भक्ति में रमी पूजा सिंह नामक युवती ने ‘ठाकुरजी’ से ही शादी रचा ली। इस अनोखी शादी के गवाह तीन सौ बाराती थे, जिनकी मौजूदगी में मंत्रोच्चारणों और मंगल गीत के बीच पूजा ने ठाकुरजी के साथ सात फेरे लिए और चंदन से अपनी मांग भरी। पिता के शामिल नहीं होने पर उसकी शादी की सभी रस्में उसकी मां ने निभाई थी।

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अनोखी शादी राजस्थान की राजधानी जयपुर के करीब गोविन्दगढ़ क्षेत्र के गांव नरसिंहपुरा में संपन्न हुई थी। राजनीतिक विज्ञान में एमए कर चुकी तीस साल की पूजा ने भगवान कृष्ण यानी ठाकुरजी को उसी तरह अपना सर्वस्व मान लिया, जिस तरह मीरां बाई ने भगवान कृष्ण को खुद को समर्पित कर दिया था।


मध्यप्रदेश में सिक्योरटी एजेंसी संचालक की बेटी पूजा अपनी शादी को लेकर उत्साहित हैं। उसका कहना है कि अब वह ताउम्र सुहागन रहेंगी। भगवान अजन्मे हैं और उनकी मौत नहीं हो सकती। बचपन में जब परिवार में दंपती के बीच झगड़े देखा करतीं तो उसने तय कर लिया कि वह किसी युवक से शादी नहीं करेंगी। उसने ठाकुरजी से ही शादी का निर्णय लिया। वह अब बेहद खुश है। विवाह के बाद पूजा अपने कमरे में छोटा सा मंदिर बनाकर ठाकुरजी की प्रतिमा की सेवा और पूजा करती हैं। अपने हाथ से भोग बनाकर रोजाना खिलाती हैं और समय मिलते ही उनके लिए पोशाक भी बनाती रहती हैं।


पिताजी राजी नहीं हुए, तलवार रखी
पूजा बताती हैं कि उनके निर्णय को लेकर पिता राजी नहीं हए थे, लेकिन मां राजी हो गईं थीं। बीते आठ दिसम्बर को उनकी मां ने ही शादी की सारी रस्में पूरी करते हुए शादी संपन्न कराई थी। शादी में मेहंदी से लेकर वरमाला, कन्यादान और विदाई की सभी रस्में निभाई गईं। पूजा दुल्हन की तरह सजी। शादी में पिता शामिल नहीं हुए तो उनकी जगह तलवार रखी। उनका कहना है कि राजपूत समाज में तलवार को प्रतिनिधि के तौर पर रखे जाने की परम्परा है।


पूजा बताती है कि उसने अपने ननिहाल में तुलसी विवाह देखा था। उसी दौरान उसने तय कर लिया कि वह भगवान श्रीकृष्ण के रुप ‘ठाकुरजी’ से शादी करेगी। वह पहले से ही भगवान कृष्ण के प्रति समर्पित थी। इस बारे में परिवार के एक पंडित से जानकारी ली तो उन्होंने सहमति प्रदान कर दी। जिसके बाद उसने अपने माता—पिता को मनाने की कोशिश की। पिता यह जानकर नाराज हो गए लेकिन मां मान गई। नाराजगी के चलते पिता उसकी शादी में शामिल नहीं हुए। उसकी शादी को लेकर कई लोगों ने उसकी प्रशंसा की तो कई ने मजाक भी उड़ाया। किन्तु वह अपने निर्णय से बेहद खुश है। अब परमेश्वर ही उसके पति हैं।


अब किसी अन्य से नहीं करेंगी शादी
पूजा बताती हैं कि अब वह किसी युवक से शादी नहीं करेंगी। वह बताती हैं कि उनके लिए रिश्ते आते रहते थे, किन्तु उसका मन नहीं मानता था। बचपन से ही देखा है कि बेहद मामूली बात पर पति-पत्नी के बीच झगड़े हो जाते थे, विवादों में उनकी जिदंगी खराब हो जाती थी और इनमें महिलाओं को बहुत ही बुरी स्थिति का सामना करना पड़ता था। इससे उसको उस बात पर बल मिला, जिसको लेकर वह हमेशा कहती थी कि वह किसी युवक से शादी नहीं करेगी।