Adipurush पर भड़के हरिद्वार के संत, कही ये बात
आदिपुरूष फिल्म पर देशभर में कई जगहों पर विरोध हो रहा है। अब हरिद्वार का संत समाज इसके विरोध में खुलकर सामने आ गया है। हरिद्वार के संत समाज ने फिल्म आदिपुरुष पर बैन करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है की अगर फिल्म पर रोक नहीं लगी तो वो हरकी पैड़ी पर धरना देंगे।
आदिपुरूष फिल्म पर हरिद्वार के संत समाज ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इस पर बैन लगाने की मांग की है। संतों का कहना है अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो हरकी पैड़ी पर धरना देकर आंदोलन करेंगे।
श्री गरीबदासीय आश्रम में संत समाज की बैठक हुई। जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि आदिपुरुष में सनातन हिंदू संस्कृति पर जिस तरह से कुठाराघात किया गया है। वो सहन करने योग्य नहीं है।
फिल्म में सी ग्रेड के संवाद रखकर हिंदू धर्म का उड़ाया गया उपहास
आदिपुरूष फिल्म को लेकर रविदेव शास्त्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने तमाम मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए लोगों की भावनाओं को आहत करने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फिल्म में सी ग्रेड के संवाद रखकर हिंदू धर्म का उपहास उड़ाया गया है।
संतों ने की हरिद्वार में फिल्म पर बैन लगाने की मांग
हरिद्वार जिले में अखिल भारतीय सनातन परिषद ने फिल्म आदिपुरुष पर बैन लगाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी भेजा है।
बता दें कि इस से पहले निरंजनी अखाड़ा स्थित परिषद के केंद्रीय कार्यालय में साधु-संतों की बैठक हुई थी। इस बैठक में फिलम की निंदा की गई और इस पर रोक लगाने की मांग की गई। इसके साथ ही साधु संतों ने उग्र विरोध की चेतावनी भी दी है।
फिल्म में गलत ढंग से दर्शाए गए हैं किरदार
परिषद के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने कहा कि फिल्म आदिपुरूष में भगवान श्रीराम, श्री हनुमान, श्री लक्ष्मण और माता सीता के किरदारों को गलत तरीके से दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि रामानंद सागर के सीरियल में हमारे आराध्य देवों को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया था।
लेकिन इस फिल्म में ऐसे दृश्य हैं जो भारतीय संस्कृति के साथ ही करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड को भी इसे अनुमति नहीं देनी चाहिए। अब सेंसर बोर्ड को इस फिल्म को तत्काल प्रभाव से बैन कर देना चाहिए।
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