हल्द्वानी में हुए दंगों में पत्रकारों की भूमिका भी संदिग्ध, निकल जा रही कॉल डिटेल्स

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हल्द्वानी। मलिक का बगीचा बनभूलपुरा में भड़के दंगे की आंच में अब कुछ तथाकथित पत्रकार भी झुलसते नजर आ रहे हैं। एलआईयू और इंटेलीजेंस को ऐसे इनपुट मिले हैं, जिससे यह माना जा रहा है कि दंगे की साजिश में कुछ कथित पत्रकार की भूमिका भी संदिग्ध हैं।

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दरअसल, 8 फरवरी को पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल को ढहाने निकली तो इसकी भनक किसी को नहीं थी। इन तीनों विभागों की टीम जब गुपचुप मलिक का बगीचा के लिए रवाना हुई तो कुछ पत्रकारों को इसकी भनक लग गई। सूत्रों का कहना है कि कुछ कथित पत्रकारों के पास भी इसकी सूचना पहुंच गई।
इससे पहले ही टीम बनभूलपुरा में दाखिल हो पाती, उन्होंने बनभूलपुरा में कुछ लोगों को फोन किया और कहा, टीम मलिक का बगीचा में मदरसा और धार्मिक स्थल ढहाने जा रही है, अगर बचा सकते हो तो बचा लो। इंटेलीजेंस और एलआईयू के पास से ये इनपुट हैं।

इनपुट में यह भी शामिल है कि इसी सूचना की वजह से पुलिस और प्रशासन के पहुंचने से पहले वहां हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई और दंगा भड़क गया। इतना ही नहीं इन्हीं पत्रकारों ने इसकी गलत रिपोर्टिंग भी की और मामले को गलत तरीके से देश के बाहर तक पहुंचाया।