पूर्व आयकर आयुक्त को हाईकोर्ट ने माना दोषी,सुनाई इतने साल की सज़ा

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अब तक की बड़ी खबर नैनीताल से सामने आ रही है। यहां पर घूसखोरी और आय से अधिक संपत्ति रखने के दोषी पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन को हाईकोर्ट ने भी दोषी माना है। उनकी सात साल की सजा को पांच साल के कठोर कारावास में बदल दिया है। सुमन ने देहरादून सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वह वर्तमान में सुद्धोवाला जेल में सजा भुगत रहे हैं। एक साल के भीतर हाईकोर्ट में सीबीआई ने 255 गवाहों की गवाही कराई है।

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पूर्व IRS अधिकारी श्वेताभ सुमन के खिलाफ वर्ष 2005 में एक गुमनाम शिकायत के आधार पर दिल्ली सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था। उस वक्त सुमन देहरादून में अपर आयकर आयुक्त के पद पर तैनात थे। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया था कि सुमन की संपत्ति 1997 से 2004 के बीच 337 फीसदी बढ़ी है। यह उन्होंने भ्रष्टाचार कर कमाई है।
जांच में सामने आया था कि श्वेताभ सुमन ने अपने मित्र के नाम पर 55 बीघा जमीन देहरादून के पौंधा में भी खरीदी थी। उन्होंने अपनी मां के नाम पर एक होंडा सिटी कार और अपने बहनोई के नाम पर भी तमाम बेनामी संपत्तियां अर्जित की थी। इन सभी मामलों में देहरादून की सीबीआई अदालत ने फरवरी 2019 में श्वेताभ सुमन, उनकी मां, मित्र और बहनोई को दोषी पाया था।


इनमें श्वेताभ सुमन को सात साल कठोर कारावास और साढ़े तीन करोड़ रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध श्वेताभ सुमन हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट में सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इजाज खान और सीबीआई के अधिवक्ता सतीश कुमार ने बहस की। वरिष्ठ अधिवक्ता इजाज खान ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि श्वेताभ सुमन के पास कोई सोना, नकदी नहीं है।
यही नहीं उनके नाम पर एक भी संपत्ति नहीं है। लेकिन, सीबीआई ने यह सिद्ध किया कि इन संपत्तियों को खरीदने के किस तरह से श्वेताभ सुमन के माध्यम से ही पैसे का लेनदेन हुआ। इस आधार पर हाईकोर्ट ने भी श्वेताभ सुमन को दोषी पाया। लेकिन, अपील के आधार पर सजा दो साल कम करते हुए पांच साल कठोर कारावास कर दी। सुनवाई के दौरान श्वेताभ की मां का निधन हो चुका है।