रियायत मिलने पर घर का सामान लेने निकले लोग, जानें एक हफ्ते बाद कैसे हैं हल्द्वानी में हालात

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हल्द्वानी हिंसा को सात दिन बीत चुके हैं। गुरूवार को प्रशासन ने लोगों को कर्फ्यू में दो घंटे की रियायत दी है। जिसके बाद लोग गुरूवार को रोजमर्रा की जरूरतों का सामान लेने के लिए निकले। बॉर्डर के इलाकों से आवाजाही बंद होने के कारण लोगों को कर्फ्यूग्रस्त इलाकों की दुकानों पर ही निर्भर रहना पड़ा।


बनभूलपुरा में इंटरनेट तो अभी बंद है लेकिन कर्फ्यू में दो घंटे की छूट दी गई है। जिसके बाद लोग अपने घरों के लिए सामान खरीदने के लिए बाहर निकले। जिस कारण गलियों की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें लग गई। किसी को आटा नहीं मिल पाया तो किसी को नमक, चीनी नहीं मिल पाई। क्योंकि दुकानों पर सामान सीमित मात्रा में था और भीड़ ज्यादा थी। जिस कारण लोग अपनी जरूरतों का सामान भी पूरा नहीं खरीद पाए।

कई लोगों के पास सामान के लिए नहीं हैं पैसे
जहां एक ओर लोग अपने घरों के लिए सामान ले जा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसा वर्ग भी था जिस पर हल्द्वानी हिंसा का खासा प्रभाव दिख रहा था। दैनिक मजदूरी करके अपना गुजारा करने वाले मजदूरों के पास जरूरत का सामान खरीदने के लिए पैसे तक नहीं थे।

अब भी इलाके में पसरा है सन्नाटा
गुरूवार को मिली दो घंटे की छूट से जहां एक ओर लोगों को थोड़ी राहत मिली है तो वहीं दूसरी ओर बनभूलपुरा की गलियों में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। कर्फ्यू जारी है और इंटरनेट सेवा भी अब तक शुरू नहीं की गई है। इलाके में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। बता दें कि कर्फ्यूग्रस्त इलाके से परीक्षा देने जा रहे बच्चों को स्कूल का पहचान पत्र या परीक्षा प्रवेश पत्र दिखाने पर जाने दिया जा रहा है।