किशोर जैसी हालत में पहुँच गए हरक, पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता

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दिल्ली एसकेटी डॉट कॉम

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जिस रास्ते पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं चुनाव समिति के एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे किशोर उपाध्याय पहुंचे थे उसी रास्ते पर अब निवर्तमान कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा नेता हरक सिंह रावत भी अपनी दबाव की राजनीति के चलते पहुंच चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।

हरक सिंह रावत कांग्रेस में वापसी के रास्ते टटोल रहे हैं। संभवत अब वह सोमवार 17 जनवरी को ही कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं। जिस तरह से किशोर उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और उनका नाम कहीं ना कहीं जुड़ता रहा और पार्टी के हाईकमान से अपनी नाराजगी जताते रहे उसकी वजह से उन्हें पार्टी से बाहर निकलना पड़ा और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने अधिकृत रूप से पत्र जारी कर उनसे पार्टी के सभी पद वापस ले लिए। इसी तरह से भाजपा के नेता एवं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी अपनी पुत्रवधू एवं सुप्रसिद्ध मॉडल अनुकृति रावत गुसाईं को लैंसडाउन से टिकट देने की मांग कर रहे थे और स्वयं भी चार पांच विधानसभाओं में से एक पर लड़ने की इच्छा रहे थे ।

लेकिन पार्टी की ओर से इस तरह से एक परिवार के लोगों को तो टिकट नहीं देने के निर्णय के चलते वह अपनी नाराजगी जताते रहे और जब पार्टी ने एक निर्णय ले लिया तो उसके बाद वह वह दबाव बनाते रहे जिसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कार्यवाही कर दी। वह कोर कमेटी की बैठक मैं अनुपस्थित रहने के बाद दिल्ली चले गए और दिल्ली में उन्होंने भाजपा के आलाकमान से मिलने की कोशिश की लेकिन आलाकमान ने उनको कोई तवज्जो नहीं दी जिसके बाद पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर उन्हें पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। जब पार्टी के आलाकमान ने उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी तो इसी भी जो है कई कांग्रेस नेताओं से भी मिले संभव है वह सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी भी उन्हें अब लेने के लिए राजी दिख रही है जबकि इससे पहले हरीश रावत ने उनकी एंट्री पर रोक लगाई थी अब हरीश रावत उनकी एंट्री के लिए मान चुके हैं और संभवत 3 सीटों को उनके लिए होल्ड रखा गया है।

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत को सरकार के साथ-साथ बीजेपी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने की पुष्टि की है। वर्ष 2016 में कांग्रेस से बगावत करके नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए हरक सिंह रावत अब सोमवार को दोबारा में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ बीजेपी के एक-दो और विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वह अपने अलावा अपने बेटे और बहू अनुकृति लिए भी टिकट मांग रहे थे, जो पार्टी को मंजूर नहीं था। वह लैंसडौन, यमकेश्‍वर और केदारनाथ सीट पर दावेदारी जता रहे थे। पार्टी उत्तराखंड में एक परिवार, एक टिकट के फॉर्मूले पर चलने की कोशिश कर रही है और उसे लगता है कि एक नेता को अडजस्ट करने पर दूसरे लोग भी परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांगने लगेंगे और इससे मुश्किलें बढ़ती जाती और सीटों का गणित भी गड़बड़ाने लगता। इसीलिए पार्टी ने कांग्रेस से भी सख़्त रुख अपनाते हुए हारक पर कार्यवाही कर दी।