गजब का हाल -4 दिनों से बंद जेल में इस अधिकारी की विभाग को नहीं पड़ी भनक

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समाज कल्याण विभाग का हाल बड़ा ही अजीब है। विभाग से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां चार दिन से असिस्टेंट डायरेक्टर जेल में बंद है लेकिन विभाग को इस बात की खबर ही नहीं है। विभाग को इस बात की भनक तक नहीं है इसलिए असिस्टेंट डायरेक्टर को अब तक निलंबित भी नहीं किया जा सका है।

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असिस्टेंट डायरेक्टर चार दिन से जेल में बंद विभाग को नहीं खबर
समाज कल्याण विभाग से अजीब मामला सामने आया है। यहां सहायक निदेशक कांतिराम जोशी चार दिन से जेल में हैं। लेकिन इस बात की विभाग को खबर ही नहीं है। सहायक निदेशक के जेल में होने के बावजूद उसे अब तक निलंबित भी नहीं किया जा सका है।

जबकि ऐसा प्रावधान है कि जेल में 24 घंटे की अवधि पूरी होते ही संबंधित कार्मिक को निलंबित कर दिया जाता है।

समाज कल्याण अधिकारी पद पर था तैनात
जेल में बंद कांतिराम जोशी 2011 से 2013 तक जिला समाज कल्याण अधिकारी पद पर तैनात रहे थे। उन पर आरोप है कि टिहरी में तैनाती के दौरान उन्होंने विभागीय शिविरों और विभिन्न कार्यों के नाम पर बिना स्वीकृति सात लाख रुपये खर्च कर दिए। इस खर्च का वह ब्यौरा भी नहीं दे पाए।

सरकारी धन के गबन का है आरोप
कांतिराम जोशी पर सरकारी धन के गबन का आरोप है। उनके खिलाफ की गई जांच में सामने आया है कि उन्होंने सरकारी धन का गबन किया गया है। जिस पर साल 2020 में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अविनाश भदौरिया ने कांतिराम के विरुद्ध नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने लगाई FIR, कोर्ट ने की खारिज
प्रकरण की विवेचना के बाद नई टिहरी पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। लेकिन तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अविनाश भदौरिया ने एफआर पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कोर्ट से इसे खारिज करने की मांग की थी।

जिसके बाद प्रकरण पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस की एफआर को खारिज करते हुए कांतिराम जोशी को न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए। 10 फरवरी 2023 को कांतिराम न्यायालय में पेश हुए थे।जिसके बाद उन्होंने जमानत की याचिका लगाई। इसे अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने कांतिराम को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

विभाग को खबर ही नहीं कांतिराम की
चार दिन से सहायक निदेशक कांतिराम जोशी जेल में है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी इस बारे में अनभिज्ञता जता रहे हैं। इसके चलते उनका अभी तक निलंबन नहीं किया जा सका है।