इस मामले को लेकर हल्द्वानी के रवि पहुंचे हाई कोर्ट सरकार को 4 हफ्ते में जवाब देने के निर्देश

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नैनीताल एसकेटी डॉट कॉम

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की जड़ लगातार मोटी होती जा रही है जिसके चलते आम आदमी को न्याय मिलना काफी मुश्किल हो गया है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बस 2013 में लोकायुक्त बनाने का निर्णय लिया गया जिसमें भ्रष्टाचार की जड़ पर चोट करने के लिए काफी कठोर प्रावधान भी किए थे लेकिन सरकार ने इस एक्ट को वापस लिखकर वर्ष 2014 में ना एक्टर लाए और इसमें काफी संशोधन करने के साथ इसे काफी कमजोर कर दिया गया साथ ही यह कहा गया जिस दिन लोकायुक्त लोकायुक्त की नियुक्ति होगी उस दिन से यह एक्टर प्रभावी हो जाएगा लेकिन 8 वर्ष बीतने के बाद भी लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है। गौलापार हल्द्वानी के समाजसेवी एवं आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने अपने वकील राजीव बिष्ट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 8 वर्षों से लंबित इस मामले को निस्तारण कर लोकायुक्त गठन करने की मांग की उनकी इस याचिका पर न्यायमूर्ति आर एस चौहान और आलोक कुमार की बेंच ने सरकार को निर्देश दे कि वह इस मामले में 4 सप्ताह में जवाब दाखिल कर सरकार को यह बताना होगा कि लोकायुक्त की नियुक्ति अभी तक क्यों नहीं हुई।

वर्ष 2016 में यह मामला एक बार फिर उठाया गया लेकिन सरकार ने कोर्ट को यह बताया कि ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है जिसके बाद याचिका वापस ली गई और सरकार से सुप्रीम कोर्ट के मीणा के बाद इस मामले में सरकार को जवाब देने को कहा गया। वर्ष 2017 में यह बताया गया की लोकायुक्त की नियुक्ति 3 महीने में कर दी जाएगी लेकिन अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है राजीव बिष्ट ने यह भी कहा कि सरकार लोकायुक्त के मामले में कोर्ट सही जवाब नहीं दे रही है। वर्ष 2018 में सरकार की ओर से कोर्ट को यह बताया गया कि 2017 में यह एक्टर लाए हैं और 3 महीने में इस एक्ट को लागू कर दिया जाएगा लेकिन इसके बावजूद अभी 2018 से 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन लोकायुक्त की अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है। राजीव बिष्ट का कहना है कि लोकायुक्त की नियुक्ति के बाद भ्रष्टाचार में निश्चित रूप से कमी आएगी जिससे लोगों को राहत मिलेगी और भ्रष्टाचार के पेंडिंग मामले खत्म हो जाएंगे।