सरकार ने यह कंपनी भी बेची, रतन टाटा के हाथों मे आई कंपनी,जानिए अब क्या होगा इस कंपनी का

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भूवेनेश्वर एसकेटी डॉट कॉम

सरकार ने निजी करण के भारी विरोध के बीच एक सरकारी कंपनी को निजी हाथों बेच दिया है. यह कंपनी जबरदस्त घाटे में चल रही थी पिछले 2 वर्षों से यह और बंद थी इस कंपनी पर बैंकों बाजारों और कई अन्य संस्थानों के करोड़ों रुपयों का कर्ज है. हजारों की संख्या में कर्मचारी इस कंपनी के बंद होने से बेरोजगार है अथवा किसी छोटे-मोटे रोजगार से अपना जीवन यापन कर रहे हैं

इस कंपनी को दिग्गज बिजनेस मैन रतन टाटा के हाथों सौंपा गया है रतन टाटा ने कड़ी स्पर्धा के बीच करीब 4 कंपनियों के समूह ऊंची बोली लगाकर इस कंपनी को हासिल किया है.

जानकारी के अनुसार दरअसल, करीब दो साल से बंद पड़े सरकारी कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) जैसे ही रतन टाटा के हाथों में गया कि इसकी किस्मत बदलने लगी है. टाटा स्टील के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने बताया कि नीलाचल इस्पात के कारखाने को अगले तीन महीने में शुरू करने का लक्ष्य है. यानी कंपनी अब जल्दी ही खुलेगी.

मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने बताया, ‘हम मौजूदा कर्मचारियों के साथ काम करने और करीब दो साल से बंद पड़े कारखाने को दोबारा से शुरू करने को तैयार हैं. हमें अगले तीन महीने में उत्पादन शुरू होने और अगले 12 महीने में स्थापित क्षमता प्राप्त कर लेने की उम्मीद है. यही नहीं, टाटा स्टील एनआईएनएल की क्षमता बढ़ाकर 50 लाख टन करने और इसके लिये जरूरी मंजूरी हासिल करने को लेकर भी कदम उठाएगी.’गौरतलब है कि ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) को टाटा ग्रुप (Tata Group) की एक फर्म को सौंपा गया है.

एक अधिकारी ने बताया कि टाटा स्टील की यूनिट टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (टीएसएलपी) ने इस साल जनवरी में 12,100 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर एनआईएनएल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की बोली जीती थी. कंपनी ने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड के एक गठजोड़ को पीछे छोड़ते हुए यह सफलता हासिल की थी.