हिट एंड रन कानून के खिलाफ ड्राइवरों ने खोला एक बार फिर मोर्चा की ये मांग
कुछ दिन पहले डेट एंड रन में कानून आने के बाद सारे ड्राइवर सड़कों पर उतर आए थे उन्होंने सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया था रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी लेकिन कुछ सरकार के कुछ आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी थी लेकिन अब 4 दिन बाद रोडवेज कर्मचारियों ने फिर मोर्चा संभाल लिया है
हिट एंड रन कानून को लेकर हड़ताल के 4 दिन बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश मिश्रा ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बस चालक हैं जो बसों को संचालन करते हैं. ऐसे में सरकार ने हिट एंड रन का जो कानून बनाया है उसके लिए सिर्फ इतनी ही बस चालकों की मांग है कि सरकार इस तरह के कानून को वापस ले क्योंकि जो ड्राइवर हैं वो गरीब हैं. वो 7 लाख रुपए नहीं भर पाएंगे और जब वह 10 साल के लिए जेल चले जाएंगे तो उनके परिवार का पीछे क्या होगा? सरकार को यह भी सोचना चाहिए.
रजनीश मिश्रा ने बताया कि कोई भी बस चालक जानबूझकर किसी को टक्कर नहीं मारता है. यहां की सड़कें ऐसी है कि लोग जल्दी निकलने की वजह से बस के सामने कई बार आ जाते हैं. ऐसे में बस चालकों की हमेशा गलती नहीं होती है. सरकार को यह साफ करना चाहिए कि अगर यह कानून सरकार लागू भी करती है तो यह उनके लिए हो जो शराब पीकर चलाते हैं. ताकि इस कानून से किसी बेकसूर को सजा ना मिले. सरकार को इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए और इस कानून में बदलाव करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो बस चालक चुप नहीं बैठेंगे और एक बड़ा कदम उठाएंगे.
गौरतलब है कि नए हिट एंड रन कानून का देश भर में विरोध हो रहा है. ज्यादातर राज्यों में ट्रक चलाने वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन को लेकर नई परिवहन नीति में बड़ा बदलाव किया गया है. इसके तहत धारा 304A के तहत सड़क दुर्घटना में दोषी पाए जाने पर चालकों और परिचालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जो चालकों को रास नहीं आ रहा है.
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