आ गई फैसले की घड़ी – @haldwaninews टकटकी सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले पर

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

haldwaninews railway inclosement

हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

हल्द्वानी वनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे के अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद आज फैसले की घड़ी आ गई है अब से कुछ ही देर यानी की कुल मिलाकर 4 घंटे के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

बनभूलपुरा ही नहीं बल्कि पूरा हल्द्वानी और उत्तराखंड इस मामले की ओर टकटकी लगाए हुए हैं यह मामला अब उत्तराखंड का ही न रहकर पूरे राष्ट्रीय प्रदेश में छा गया है.

हाईकोर्ट के फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दल इस मामले पर अपने अपने अपने हिसाब से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं आमतौर पर लोगों से पूछे जाने के बाद लोगों का यह कहना है कि मानवीय दृष्टि से भी इस मामले को देखा जाना चाहिए रेलवे की जमीन पर बसे लोगों लोगों का पुनर्वास किया जाना चाहिए वहीं कुछ लोगों द्वारा इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनका पुनर्वास कराया जाए लेकिन कोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पहले रेलवे की जमीन खाली की जाए उसके बाद पुनर्वास के लिए वह उनकी अदालत में पहुंचे.

वहीं आमजन का एक यह मत भी सामने आया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कानून के निर्णय का पालन होना चाहिए यह एक तरह से नजीर भी बन सकती है क्योंकि रेलवे की हजारों एकड़ जमीन विभिन्न लोगों और संस्थाओं द्वारा अतिक्रमण की गई है तो इसलिए सुप्रीम कोर्ट के कंधे पर हैं वह इस मामले को किस तरह से देखती है.

अतिक्रमण को लेकर राहत की उम्मीद के साथ नेताओं और आम जनता ने कई इस तरह से अपनी बात

नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों को हटाने के लिए रेलवे, पुलिस व प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। आरपीएफ व पीएसी की पांच-पांच कंपनियां तैनात हो गई हैं और चार दिन बाद पैरामिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी पहुंच जाएगी।मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के चलते कल 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने भी याचिका लगाई है.

जहां आज सुनवाई होनी है ऐसे में हल्द्वानी के लोगों को प्रशांत भूषण से भी काफी उम्मीद है बनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि रेलवे अतिक्रमण के मामले में कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह सुनवाई कल सुबह 10:30 बजे मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच में होगी, ऐसे में कल बनभूलपुरा के लोगों के साथ ही रेलवे, पुलिस और प्रशासन की निगाह बनी रहेगी।

फिलहाल क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधियों ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है और इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, अब देखना यह होगा कि कल सुप्रीम कोर्ट से क्या सुप्रीम फैसला होता है।नैनीताल हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा क्षेत्र की 78 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा मनाते हुए 20 दिसम्बर को आदेश दे दिया था, कि एक सप्ताह के भीतर अवैध कब्जे को खाली कराया जाए, जिसके बाद रेलवे पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से इसमें कार्रवाई शुरू कर दी है

।मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एस ए नजीर और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा मामले का उल्लेख करने के बाद मामले को सुनवाई के लिए स्‍वीकृति दी है।

बनभूलपुरा के हजारों निवासियों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे वे बेघर हो जाएंगे और उनके स्कूली बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। इस कदम से बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित होंगे।

अब उच्चतम न्यायालय हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय की याचिका को चुनौती देने वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।हालांकि स्थानीय लोगों एवं कुछ कांग्रेस व सपा आदि राजनीतिक दलों की ओर से इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो चुकी है। मामले में हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश व अन्य राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।