फैसला ए नजीर -दुष्कर्म के आरोपी को पीड़िता से शादी करने के लिए कोर्ट ने दी जमानत

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एसकेटी डॉटकॉम

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हाई कोर्ट ने एक जन सरोकार वाला फैसला देते हुए दुष्कर्म के आरोपी को पीड़िता के साथ विवाह करने के शपथ पत्र जमा करने के बाद 2 सप्ताह के लिए जमानत दे दी. जिससे दुष्कर्म पीड़िता को न्याय मिलने में मदद मिल सके.

कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में जेल में बंद आरोपित को पीड़िता से शादी करने के लिए दो सप्ताह के लिए जमानत मंजूर कर ली है। पीड़िता के साथ एक साल पहले नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद से ही आरोपित जेल में है। निचली अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है, जिसके बाद आरोपित ने हाई कोर्ट में अपील की थी।

डीफार्मा का कोर्स करने के दौरान हुई थी पहचान


अभियोजन के अनुसार, रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी निवासी पीड़िता ने थाना प्रेमनगर देहरादून में तहरीर दी थी कि वह देहरादून के इंस्टीट्यूट में डीफार्मा का कोर्स कर रही थी। इसी दौरान आरोपित सरजीत कुमार से उसकी जान पहचान हुई थी। वह रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक का निवासी था।

आरोपित ने 26 सितंबर 2021 को दिया था शादी का प्रस्ताव


पीड़िता के अनुसार, 26 सितंबर 2021 को आरोपित सरजीत उसके पास शादी का प्रस्ताव लेकर आया। पीड़िता के आग्रह पर आरोपित ने पहले उसके माता-पिता, फिर अपने माता-पिता से बात की, जिसके बाद दोनों परिवारों की बातचीत व सहमति के बाद दोनों की शादी की बात तय हो गई। इसके बाद एक दिन सरजीत पीड़िता के कमरे में जा पहुंचा, जहां उसने अपने साथ लाया शीतल पेय पीड़िता को पीने के लिए दिया। आरोपित ने उसमें बेहोशी की दवा मिला रखी थी, जिसके कारण उसे पीते ही पीड़िता बेहोश हो गई
पीड़िता के मुताबिक, बेहोशी की हालत में ही सरजीत ने उसके साथ संबंध बनाए। साथ ही वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली। होश में आने पर पीड़िता ने सरजीत से पूछा तो उसने कहा कि हम पति-पत्नी हो गए हैं, कोई बात नहीं है। साथ ही धमकी भी दी कि यदि किसी को बताया तो वीडियो फेसबुक में डालकर उसे बदनाम कर देगा। बदनामी के डर से पीड़िता ने किसी को दुष्कर्म की बात नहीं बताई। इसके बाद सरजीत शादी करने से मुकर गया। साथ ही रुपये ऐंठने के लिए दबाव बनाने लगा।

दो सप्ताह के लिए मंजूर हुई है जमानत
पुलिस ने तहरीर के आधार पर सरजीत के विरुद्ध धारा 376 व अन्य में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। निचली कोर्ट से जमानत नामंजूर होने के बाद आरोपित ने हाई कोर्ट में अपील की। जमानत प्रार्थना पत्र के साथ शादी के लिए राजी होने व शादी तय होने का शपथपत्र भी दाखिल किया। इस आधार पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने दो सप्ताह के लिए जमानत मंजूर कर ली।