पेपर लीक से फिर जुड़े बीजेपी के तार,आखिर कितनी लम्बी है कतार

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प्रदेश में भर्ती घोटालों का शोर थम नहीं रहा है। एक घोटाले में कार्रवाई होती है तबतक दूसरा घोटाला सामने आ जाता है। सरकार युवाओं में भरोसा बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन एक के बाद एक हो रहे भर्ती घोटालों ने सरकार को परेशान कर दिया है।
घोटालों से पीछा छुड़ाने के लिए भले ही सरकार ने परीक्षा कराने के लिए आयोग ही बदल दिया हो पर अब नए आयोग के परीक्षा कराने के बाद भी हुए घोटालों ने सरकार पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। सरकार के लिए मुश्किल इस बात की भी है कि इन घोटालों में उसकी ही पार्टी के नेताओं के नाम सामने आ रहें हैं।

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हलचल मची, सवाल उठे
पहले भर्ती घोटालों में बीजेपी नेता हाकम सिंह का नाम सामने आया तो अब बीजेपी के मंगलौर से मंडलाध्यक्ष बने संजय धारीवाल का नाम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गयी है। भले ही प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी इन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर अपना पल्ला झाड़ रही है। लेकिन लगातार भर्ती घोटाले के बीजेपी से जुड़ते तार कई सवाल उठा रहे हैं।


पहले मंडल अध्यक्ष बनाया, अब किया किनारा
UKSSSC पेपर लीक के बाद सरकार ने परीक्षाओं को बिना गड़बड़ियों के कराने का जिम्मा UKPSC को दिया था लेकिन अब पटवारी लेखपाल की भर्ती का पेपर लीक होने से लेकर फिर से AE\ JE पेपर लीक होने के बाद UKPSC पर भी सवाल उठ रहे हैं। AE\ JE पेपर लीक मामले में शुक्रवार को मुकदमा भी दर्ज हो गया है। इस मामले ने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की एक बार फिर मश्किलें बढ़ा दी हैं। क्योंकि UKPSC पेपर लीक मामले में एक और बीजेपी नेता का नाम सामने आ रहा है।


मंगलौर से बीजेपी के मंडलाध्यक्ष बने संजय धारीवाल का नाम पेपर लीक में आते ही बीजेपी ने संजय धारीवाल से गांव में प्रधानी के काम का बोझ ज्यादा होने का हवाला देकर इस्तीफा ले लिया गया। अब बीजेपी यह कह रही है कि संजय धारीवाल का बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। उसे मंडलाध्यक्ष नहीं बनाया गया था। उस पर मुकदमा दर्ज होने दिया जा। सीएम के निर्देशों के बाद इस मामले में 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन यहां बात सिर्फ संजय धारीवाल का नहीं है ऐसा माना जा रहा है कि जांच में और भी बीजेपी नेताओं का नाम सामने आ सकता है।