10 साल पुराने चंदन के पेड़ के हत्यारे को लेकर विभाग हुआ सख्त, नोटिस भेजने की तैयारी में

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हल्द्वानी- यहां पर आजकल हरे-भरे चंदन के पेड़ को काटने के मामले को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के अनुसार बता दें कि बिल्डिंग कांट्रेक्टर वन विभाग का सहयोग नहीं कर रहा है लेकिन इस मामले को लेकर जांच अधिकारी उसे कई मैसेज कर चुके हैं इस पूरे मामले में रेंजर उमेश चंद्र आर्य ने इस बात की पुष्टि की है इसमें उनका कहना है कि बार-बार बुलाने के बाद भी बिल्डिंग कांट्रेक्टर आजकल आने के बहाने बना रहा है जिसे देखते हुए विभाग अब उसे नोटिस देने के तैयारी में है बता दें कि यह मामला नैनीताल रोड के कालाढूंगी चौराहे पर मौजूद बिजली स्टेशन के ठीक पीछे खाम की जमीन को शासन ने निर्वाचन विभाग नैनीताल को ईवीएम व विवि पैटर्स के भंडारण के लिए वेयरहाउस बनाने के लिए दिया है लेकिन वहां पर मौजूद जमीन में लगे दो पेड़ जो कि चंदन और आम का करीब 10 साल पुराना पेड़ था ।

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जिसे रातों-रात संबंधित विभाग की अनुमति के बिना ही काट दिया गया। बता दें कि इस मामले में संज्ञान लेते हुए डी एफ ओ तराई केंद्रीय अभिलाषा सिंह ने गत दिवस को निर्माणाधीन बिल्डिंग के पीछे की तरफ टीम को भेजा जहां पर चंदन के पेड़ का एक सूखा हुआ तना पाया गया कि जो जमीन में गड्ढा खोदकर खड़ा किया हुआ था निगम की टीम ने बिल्डिंग निर्माण में लगे मजदूरों से पेड़ के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार के कहने पर बीती रात गड्ढा खोदकर इस पेड़ को यहां खड़ा किया है

इस मामले में डीएफओ तराई केंद्रीय अभिलाषा ने रेंजर उमेश चंद्र आर्य को जांच के आदेश सौपदिए हैं और दोषियों के नाम उजार करने के निर्देश दिए हैं और इधर रेंजर आर्य ने बताया कि मामले में अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में रहने वाले ठेकेदार को बुलाने के लिए कई मैसेज भेजे जा चुके हैं लेकिन विभाग के कार्यालय में आने के लिए आनाकानी कर रहा है अब उसे विभाग की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है बता दें कि विभाग के ठेकेदार को नोटिस दिए जाने के इस पूरे मामले में दोषी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराए जाने के लिए जमीन तैयार करना बताया जा रहा है।

और नोटिस पर ठेकेदार के मौजूद नहीं होने पर विभाग नोटिस को आधार बनाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराकर दोषी की गिरफ्तारी को लेकर औपचारिकता को पूरा करेगा इस पूरे मामले में सोचने वाली बात यह है कि कांट्रेक्टर की फर्म जेड.एच.इंजीनियर वर्क्स के लिए सभी सरकारी महकमे संवेदनशील बने हुए हैं वन विभाग को छोड़ दिया जाए तो बाकी संबंधित विभाग आश्वस्त है कि फर्म जुर्माना भुगतान कर छूट जाएगी।