सीट पर दांत, खोपड़ी के टुकड़े, पैरों की उंगलियां और मांस का लोथड़ा, थैली में शव लेकर घर पहुंचा भाई, चीख-पुकार से गूँज उठा पूरा गांव

Jaipur Cylinder Blast: जयपुर-अजमेर एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में टैंकर ड्राइवर रामराज मीणा की जिंदा जलने से मौत हो गई. हादसे में उनके शरीर के चीथड़े उड़ गए, जिसमें दांत, खोपड़ी के टुकड़े, पैरों की उंगलियां और मांस का लोथड़ा शामिल था. इसे थैले में समेटकर भाई ने पैतृक घर लाया. बुधवार शाम राजकोट गांव पहुंचने पर चीख-पुकार मच गई, और पूरा गांव गमगीन हो उठा.
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Jaipur LPG Gas Cylinder Blast: जयपुर-अजमेर एक्सप्रेसवे पर सावरदा गांव के पास मंगलवार रात एक भयानक सड़क हादसे में टोंक निवासी टैंकर ड्राइवर रामराज मीणा (40) की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे में टैंकर ड्राइवर के शरीर के चीथड़े उड़ गए थे. ड्राइवर सीट पर दांत, खोपड़ी के टुकड़े, पैरों की उंगलियां और मांस का लोथड़ा पाया गया, जिसे एक थैले में समेटकर एसएमएस हॉस्पिटल लाया गया. आज सुबह परिजनों ने इस थैली को लेकर पैतृक घर पहुंचाया.
शव के साथ घर पहुंचे भाई, गांव में मचा कोहराम
बुधवार शाम करीब 7 बजे रामराज के भाई ने दूनी थाना क्षेत्र के राजकोट गांव में थैली में शव लेकर पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई. रामराज की पत्नी बेसुध हो गई, जबकि उनके दो छोटे बच्चे चिल्लाकर रोने लगे. शव की बुरी हालत देखकर परिवार और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं. परिवार वालों ने रामराज का चेहरा तक नहीं देख पाया, जिससे माहौल और गमगीन हो गया.
परिवार का दुखद इतिहास
ग्रामीणों ने बताया कि रामराज के पिता किशन की 12 साल पहले मौत हो चुकी है. परिवार में तीन भाई हैं, जिसमें रामराज सबसे छोटा था. सबसे बड़े बाबूलाल जयपुर में मजदूरी करते हैं, जबकि रामकुमार गांव में खेती-बाड़ी संभालते हैं. शव लेने के लिए आज सुबह रामकुमार और तीन अन्य ग्रामीण जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल की मोर्चुरी गए और शाम को थैली में शव लेकर घर लौटे. इसके बाद अंतिम संस्कार संपन्न हुआ.
हादसे की भयावह कहानी
7 अक्टूबर की रात गुजरात से जयपुर की ओर आ रहे केमिकल से भरे टैंकर ने सावरदा गांव के पास खड़े एलपीजी सिलेंडर लदे ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि 35,000 लीटर ज्वलनशील केमिकल से भरे टैंकर का केबिन आग का गोला बन गया. कुछ ही देर में सिलेंडरों ने आग पकड़ ली और 40-50 फीट तक उछलकर ब्लास्ट होने लगे. धमाकों की आवाज 3-4 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. लोग खेतों में छिप गए, जबकि ड्राइवरों ने उल्टी गाड़ियां दौड़ाईं.
ड्राइवर की दर्दनाक मौत
हादसे में रामराज मीणा (35) जिंदा जल गए. महावीर ढाबे के पास आरटीओ चेकिंग से बचने के लिए उन्होंने टैंकर मोड़ा था, जहां पहले से खड़ा ट्रक टकराया. टक्कर से केबिन में आग लगी और सिलेंडरों में लगातार ब्लास्ट हुआ. इस हादसे में 5 लोग घायल हुए और 5 गाड़ियां भी जल गईं.
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