देवस्थानम बोर्ड पर ब्राह्मण महासभा का बयान- देर में एवम मजबूरी में उठाया कदम देखें वीडियो

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हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम

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धामी सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड पर लिए गए फैसले के बाद ब्राह्मण महासभा ने कहा कि सरकार द्वारा यह कदम मजबूरी में उठाया गया कदम है। ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विशाल शर्मा ने यहां नवाबी रोड में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी लेकिन सरकार अपने अड़ियल रवैया पर रही जब तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व मुख्यमंत्री को केदारनाथ में घुसने नहीं दिया और उसके बाद प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे का विरोध करने का निर्णय लिया

सीएम धामी को स्वयं आगे आना पड़ा और उन्होंने तीर्थ पुरोहितों आयन हक हकूक धारियों से एक वचन लिया कि वह मोदी का विरोध नहीं करेंगे और सरकार उनकी इस मांग पर कमेटी बिठाकर तुरंत फैसला लेगीइसके बाद तीर्थ पुरोहित मुख्यमंत्री की बात परा स्वस्थ हुए और 30 अक्टूबर तक इस पर फैसला करने की बात कही लेकिन इस पर फैसला होते होते 1 महीने का समय लग गया 29 नवंबर को ही इस पर निर्णय लिया गया।

पत्रकार वार्ता में विशाल शर्मा ने कहा कि जो भी पार्टी ब्राह्मणों के हितों की बात करेगी ब्राह्मण महासभा उसे अपना समर्थन देगी उन्होंने कहा कि कुमाऊं के कई सीटों पर ब्राह्मण महासभा भी अपने प्रत्याशी उतार सकती है इसके अलावा कई अन्य सीटों पर जो प्रत्याशी ब्राह्मण महासभा की शर्तों को अपने अंडे में रखने का फैसला लेगा मामा महासभा उसे वही अपना समर्थन देने की घोषणा कर देगी

देवस्थानम बोर्ड पर सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2020 में देवस्थानम बोर्ड गठित करने का फैसला लिया जिसके बाद पुरोहितों और हक हुकूक धारियों की दिक्कतों को बढ़ाने का काम किया जब हम हुकूक धारी अपने मांग को लेकर हड धरने पर करना शुरू कर दिया तो सरकार ने इस पर फैसला ले ही लिया।

पत्रकार वार्ता में सुनील बमीठा राकेश कुमार समेत कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे ब्राह्मण महासभा ने मुख्यमंत्री के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए।