#shri ramleela @रामलीला कमेटी बचाओ समिति ने रिसीवर पर खड़े की प्रश्न चिन्ह कही यह बात
लगाया आरोप -भू माफिया श्री रामलीला कमेटी को आखिरी ट्रस्ट बने पर क्यों है तुली
हल्द्वानी skt.com
श्री रामलीला कमेटी बचाओ समिति ने जिला अधिकारी चिट फंड एंड सोसायटी तथा सिटी मजिस्ट्रेट को हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन सभी को हाईकोर्ट ने पार्टी बनाते हुए रामलीला कमेटी की संचालन समिति को अभिलंब हटाकर नए चुनाव कराने के आदेश दिए थे ।
लेकिन यह सभी अधिकारी गण समिति को भंग कर कर इसको ट्रस्ट बनाने की साजिश रच रहे हैं यह कहना है श्री रामलीला कमेटी बचाओ संघर्ष समिति के सहसंयोजक मदन मोहन जोशी का ।
रामपुर रोड एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन रामलीला कमेटी के कोषाध्यक्ष ने भारी गवन किया था इसके बाद इस मामले की जांच क्या आदेश हुए थे तथा कमेटी को भंग कर दिया था लेकिन इसके बावजूद न तो जांच पूरी हुई और नहीं दोषी को दंड दिया गया बल्कि पिछले 6- 7 वर्षों में कुछ तथा कथित लोगों की संचालन समिति रामलीला मैदान पर कब्जा जमाए हुए हैं उन्होंने कहा कि इस मामले को श्रीरामला कमेटी बचाओ संघर्ष समिति की संयोजक संतोष कबड़वाल हाईकोर्ट में ले गए थे जहां पर से इन सभी लोगों को पार्टी बनाते हुए तुरंत इस पर कार्यवाही करने को कहा था लेकिन इन अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की।
माना यह जा रहा है कि अधिकारी चल रही संचालन समिति के द्वारा ही रामलीला करते आ रहे हैं इसीलिए वह किसी भी तरह के चुनाव कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं
मदन मोहन जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि रिसीवर को इस पद पर बैठे हुए 6 साल हो गए हैं 3 साल का कार्यकाल रामलीला कमेटी का एक बार का होता है दो कार्यकालों का समय चला गया है लेकिन रामलीला कमेटी के चुनाव नहीं कराए गए हैं उन्होंने कहा कि रामलीला कमेटी समस्त समाज सनातन धर्मियों की आस्था का स्थान है तथा इसे किसी भी कीमत पर कुछ लोगों के कब्जे में नहीं आने दिया जाएगा उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में श्रीरामला कमेटी के कई दुकानें, होली ग्राउंड तथा मकान है इन्हें यह किसी भी कीमत पर खुर्द बुद्ध करने पर तुले हुए हैं
इसीलिए रामलीला कमेटी के चुनाव नहीं कराई जा रहे हैं रामलीला कमेटी के चुनाव कराने से समिति अस्तित्व में आएगी वही यहां पर रामलीला कमेटी समेत रामलीला मैदान का विकास कार्य करेगी उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारी कुछ लोगों को इसका संचालन का जुम्मा दिए हुए हैं तथा उन्हें के प्रभाव में आकर रामलीला कमेटी के चुनाव नहीं कराई जा रहे हैं जो की रामलीला कमेटी के संविधान का उल्लंघन है
उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कुछ भी निर्णय नहीं लिया गया तो वह हाई कोर्ट के निर्णय के अवमानना करने पर इन अधिकारियों के खिलाफ फिर से हाईकोर्ट की शरण लेंगे
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