नैनीताल में फंसे लोगों को बचाने के लिए रानीखेत की डोगरा बटालियन ने किया रेस्क्यू

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नैनीताल जिले में गत दिवस से हो रही बारिश के चलते कहीं जगह पर भूस्खलन जलभराव आदि की समस्या का सामना आम जनता को करना पड़ा जिसकी वजह से कई बार आम जनता भी इस में फस गई और कई अलग-अलग जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया है। हालांकि, रुकावटों के कारण, कई स्थानों पर भौतिक पहुंच प्रतिबंधित है।जिला प्रशासन नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य हस्तक्षेप का अनुरोध किया। गरमपानी/खैरना क्षेत्र के पास स्थिति बहुत गंभीर है। घाटी प्रभावित है, शिप्रा नदी के अत्यधिक प्रवाह से इमारतें संकट में हैं। परिस्थिति के गम्भीर होने पर प्रशासन द्वारा भारतीय सेना की रानीखेत स्थित 14 डोगरा बटालियन को राहत के लिए निवेदन किया गया। धीरज सिंह गर्बियाल, DM, नैनीताल, प्रतीक जैन, संयुक्त मजिस्ट्रेट द्वारा मदद के लिए निवेदन संदेश दिया गया। संदेश मिलने के 30 मिनट के अन्तर्गत जवान डोगरा बटालियन की रेस्क्यू टुकड़ी रानीखेत से खैरना की ओर रवाना हो गई।काम समय होने के बावजूद सेना अपने साथ बचाव से संबंधित सभी उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए पैक्ड खाने को डालने साथ ले गये साथ ही में डोगरा बटालियन की मेडिकल रिऐक्शन टीम अपने प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और उपकरणों के साथ रेस्कयू टीम का हिस्सा बनी।रानीखेत से खैरना तक के मार्ग में भूस्खलन होने से सेना की रेस्क्यू टीम दोपहर तीन बजे खैरना पहुँची।

प्रभावित क्षेत्र में पहुंचते ही भारतीय सेना के अधिकारियों ने मौजूदा प्रशासन के अधिकारियों से परिस्थिति का जायज़ा लिया।बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने राहत का कार्य सहज कर दिया। वर्तमान में डोगरा बटालियन की एक टुकड़ी अल्मोड़ा गरमपानी मार्ग में एक टुकड़ी खैरना में और एक टुकड़ी कैंची धाम में राहत का कार्य कर रही है। खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग सुबह से फंसे हुए हैं। सेना द्वारा इन्हें पहुंचते ही खाने का सामान दिया गया। खैरना में स्थित स्कूल में सेना के जवान फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं। साथ ही में पीड़ित लोगों का चिकित्सा निरीक्षण भी कर जारी है। डोगरा बटालियन की मौजूदगी से राहत कार्य में तेज स्तर से प्रगति हुई है और साथ ही फंसे हुए लोगों को मदद मिली है।