बस्तियों को हटाये जाने सम्बन्धी,प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री धामी से कि मुलाकात

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पूर्व नेता विधायक प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर हल्द्वानी की मलिन बस्तियों के लिए देहरादून की मलिन बस्तियों की भांति अध्यादेश जारी करने की मांग की।

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प्रीतम सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिले प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन के मध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा हल्द्वानी की मलिन बस्तियों को हटाये जाने सम्बन्धी आदेश की ओर आकर्षित कराते हुए कहा है कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन की कमजोर पैरवी के कारण हल्द्वानी की नजूल भूमि पर वर्षो से बसी मलिन बस्तीवासियों के सामने बेघर होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री का ध्यान जनहित याचिका संख्या 178/2013 की ओर आकर्षित कराते हुए अवगत कराया कि कई वर्षों पूर्व रेलवे विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में हलफनामा दायर करते हुए अतिक्रमित भूमि में से कुल 29 एकड़ भूमि रेलवे विभाग की बताई गई थी जबकि बेदखली की कार्रवाई 78 एकड़ भूमि में की जा रही है। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि तत्समय इस भूमि के कब्जेदारों की अन्यत्र बसायत की जाती तो आज 4365 परिवारों के सामने बेघर होने की नौबत नहीं आती। प्रीतम सिंह ने कहा कि हल्द्वानी की ढोलक बस्ती, चिराग अली शाह बस्ती, इंदिरानगर पूर्वी, इन्दिरा नगर पश्चिम बस्ती, इन्दिरानगर पश्चिम बी बस्ती में लोग लगभग 50 वर्षों से बसे हुए हैं तथा यहां पर नगर निगम सामुदायिक भवन, शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल, चिकित्सालयों की स्थापना ही नहीं अपितु सभी बुनियादी सुविधायें भी दी जा चुकी हैं ऐसे में इन बस्तियों को उजाड़ा जाना जनहित में तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता है। प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री को यह भी याद दिलाया कि इससे पूर्व देहरादून की मलिन बस्तियों के सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की बावजूद तत्कालीन राज्य सरकार की दृढ इच्छाशक्ति के चलते जनहित को देखते हुए अध्यादेश के माध्यम से देहरादून की विभिन्न मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचाया जा सका था। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि देहरादून की भांति हल्द्वानी की मलिन बस्तियों को भी अध्यादेश के माध्यम से बचाया जा सकता है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से कहा कि वर्तमान में देशभर में कोरोना महामारी की विभीषिका तथा कडकडाती सर्दी को देखते हुए हल्द्वानी की मलिन बस्तियों के सम्बन्ध में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि हल्द्वानी की मलिन बस्तियों के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका की सुनवाई तिथि 5 जून निर्धारित की गई है यदि सरकार इस पर मजबूत पैरवी करती है तो इन बस्तियों को उजड़ने से बचाया जा सकता है।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रीतम सिंह के अलावा विधायक विक्रम सिंह नेगी, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र शाह, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश सचिव सोमप्रकाश बाल्मीकि आदि शामिल थे।