केदारनाथ मंदिर में लगे QR कोड फर्जी, बीकेटीसी मैनेजमेंट पर उठे सवाल
केदारनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर दान लेने के लिए पेटीएम का क्यू आर कोड लगाए जाने पर हंगामा हो गया है। हंगामा इसलिए भी क्योकि मंदिर की व्यवस्था देख रही बद्री केदारनाथ की मंदिर समिति यानि बीकोटीसी को इस क्यू आर कोड के बारे में पता ही नहीं है । समिति ने इस क्यू आर कोड को लगाने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है ।
केदारनाथ नें तीर्थयात्री एक तरफ जहां दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं तो वहीं कैश न होने पर उनके लिए क्यू आर कोड की व्यवस्था की गई है ताकि वो ऑनलाइन डीजिटल भुगतान कर सके। लेकिन मंदिर के बीआईपी गेट व नंदी के पास लगे क्यूआर कोड फर्जी है । और ये किसने लगाए इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। मंदिर समिति और प्रशासन भी इस बारे में कुछ नहीं जानता । हालांकि मंदिर समिति को जब इस बात की जानकारी लगी तो इन कोड को वहां से हटा दिया गया है। और पुलिस में तहरीर दी गई है। वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा है कि, इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीकेटीसी मैनेजमेंट पर उठे सवाल
हाल ही में 26 अप्रैल को पेटीएम ने भी ट्वीट कर मंदिर नें दान हेतु डिजिटल तौर पर भुगतान की बात कही थी । वही अब यूजर भी अपनी दान की गई पेटीएम रीसिपट की फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहे है जिसमें बीकेटीसी यानि बद्रीनाथ मंदिर समिति का नाम प्राप्तकर्ता में दिखाई दे रहा है। अब इस फर्जीवाड़े ने बीकेटीसी मैनेजमेंट की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इतनी कड़ी निगरानी होने के बाद कैसे किसी ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
बीकेटीसी पेटीएम का प्रयोग नहीं करता- अध्यक्ष, बीकेटीसी
बता दे कि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे और ऐसे में कितने पैसों को चंदा के नाम पर तब से इन ठगों के खाते में डाला जा रहा है। हालांकि जहां एक तरफ बीकेटीसी सवालों के घेरे में नजर आ रहा है तो वही दूसरी तरफ बीकेटीसी अध्यक्ष ने बताया है कि बीकेटीसी अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं करता ।
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