उत्तराखंड की पहली सेब नीति का प्रस्ताव तैयार, किसानों से लिए जाएंगे सुझाव

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उत्तराखंड की पहली सेब नीति का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसे प्रदेश में सेब उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत सरकार पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नए सेब के बगीचे लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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उत्तराखंड की पहली सेब नीति का प्रस्ताव हुआ तैयार
प्रदेश की पहली सेब नीति का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इस नीति के तहत प्रदेश में किसानों को सरकार पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नए सेब के बगीचे लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही प्रदेश में 0.2 से 20 हेक्टेयर भूमि पर किसान सेब के बागान भी तैयार कर सकते हैं।

प्रदेश में 62 हजार मीट्रिक टन सेब का किया जाता है उत्पादन
उत्तराखंड में अब तक हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले को छोड़ कर अन्य सभी जिलों के पर्वतीय क्षेत्रों में सेब का उत्पादन किया जाता है। फिर भी प्रदेश हिमाचल और जम्मू कश्मीर से सेब के उत्पादन में अब भी पीछे है।

प्रदेश में सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन उत्तरकाशी जिले में किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 25785 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 62 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन किया जाता है।

सेब नीति लागू कर सरकार का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
सरकार प्रदेश में पहली बार सेब नीति लागू कर सेब के उत्पादन को बढ़ाना चाहती है। सरकार उन किसानों को भी सेब की खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है जिनके पास जमीन है। बता दें कि सेब नीति में सरकार 0.2 हेक्टेयर से 20 हेक्टेयर तक सेब बगीचे लगाने के लिए उन्नत किस्म के सेब के पौधे मुहैया कराएगी।

किसानों से लिए जाएंगे सुझाव
बता दें कि उत्तराखंड की पहली सेब नीति का प्रस्ताव तो तैयार हो गया है। लेकिन सरकार जल्द इस पर किसानों से सुझाव लेगी। जिसके बाद ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा। सेब नीति के तहत सरकार सेब के पौधे मुहैया कराने और तकनीकी जानकारी के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करेगी।