पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी, 100 से अधिक गिरफ्तार

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया (PFI) और उससे संबंधित जगहों पर छापेमारी की है। टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मुद्दे की जांच में यह छापेमारी की गई। एनआईए ने बीते कुछ दिनों में इस मुद्दे को लेकर एक दर्जन से अधिक मुकदमा दर्ज किए हैं।  इसमें पीएफआई का नाम भी सामने आया है। ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने पीएफआई से संबंधित सौ से अधिक लोगों को भिन्न-भिन्न मामलों में पकड़ा है। ये गिरफ्तारियां दस से अधिक राज्यों में हुई हैं। एनआईए ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है।

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एनआईए को काफी अधिक संख्या में पीएफआई और उससे संबंधित लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना प्राप्त हुई थी। इसके आधार पर जांच एजेंसी आज बड़ी छापेमारी की है। दस से अधिक राज्यों में ईडी, एनआईए और राज्यों की पुलिस ने सौ से अधिक लोगों को अरैस्ट किया है। पीएफआई और उससे संबंधित संगठन पर ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। एनआईए की रेड को लेकर पीएफआई महासचिव अब्दुल सत्तार ने बोला कि फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने को लेकर एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने बोला कि शासन द्वारा अत्याचार किया जा रहा है। फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को शांत किया जा रहा है। 

23 जगहों पर मारी गई रेड 

इससे पहले 18 सितंबर को एनआईए ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर रेड मारी थी। ये छापेमारी भी पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के नाम पर हुई थी। एनआईए ने निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में छापेमारी की थी