जोशीमठ में बिजली पानी के बिल माफ, धामी कैबिनेट ने दी कई राहते

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शुक्रवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में धामी सरकार ने जोशीमठ को कई बड़ी राहतें दी हैं। धामी सरकार ने जोशीमठ के लोगों को छह महीने के बिजली पानी के बिल माफ कर दिए हैं। इसके साथ ही कई अन्य रियायतें भी दी गईं हैं।

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वहीं धामी कैबिनेट में नकल का मुद्दा भी एक अहम मसला रहा। कैबिनेट ने भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का रास्ता साफ कर दिया है। अगली कैबिनेट में नकल रोकने के लिए सख्त कानून पर सहमति बन गई है।


राज्य कैबिनेट ने जोशीमठ के लिए 45 करोड़ की आर्थिक सहायता को रिलीज करने पर अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही कैबिनेट में जोशीमठ के लोगों के पुनर्वास के लिए पांच स्थानों को चिह्नित किया गया है। चिन्हित जमीनों में ढाक और गौक सेलँग पीपल कोटि, कोटि फॉर्म, सहित कुल 5 स्थान हैं।
जोशीमठ में किराए के घरों में रह रहे लोगों को मिल रहा किराया अब एक हजार रुपए बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही अब जोशीमठ में प्रभावित लोगों को किराए के लिए चार की जगह पांच हजार रुपए मिलेंगे।


जोशीमठ के राहत शिविरों में रह रहे लोगों को खाने के लिए प्रतिदिन 450 रुपये दिए जाएंगे। यदि कोई राहत शिविर की जगह खुद अपना खाना बनाता है तो उसके भी एक दिन के एक व्यक्ति के 450 रुपये दिए जाएंगे।


वहीं कैबिनेट ने पशुओं को विस्थापित करने के लिए प्रति पशु 15 हजार रुपये देने पर सहमति जताई है। बड़े पशुओ के चारे के लिए 80 रुपये और छोटे पशुओं के लिए 40 रुपये प्रति दिन दिए जाएंगे।


जोशीमठ के प्रभावित लोगों के नवंबर से 6 महीने के लिए बिजली और पानी के बिल माफ किए जाने पर भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
यही नहीं जोशीमठ के प्रभावित लोगों ने अगर सहकारी बैंक से कोई लोन लिया है तो उसे एक साल तक ईएमआई से छूट दे दी गई है। जिन लोगों का केंद्रीय बैंकों से लोन चल रहा है उनके लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी।


जोशीमठ आपदा के लिए कैबिनेट में मौजूद मंत्रियो ने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया है।


वहीं कैबिनेट ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाने की पैरवी की है। उत्तराखंड में पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद तक कि सजा का प्रावधान किया जा रहा है। इसके साथ ही दोषियों की संपत्ति भी कुर्क होगी।


इसके साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन विभाग पर्वतीय इलाकों की केयरिंग कैपिसिटी का आकलन करेगा।


वहीं लेखपाल की परीक्षा दोबारा देने वालों क़ो नहीं देना पड़ेगा पेपर क़ो लेकर कोई भी पैसा, बस का किराया भी नहीं देना होगा।